China Moon Mission : चीन का चंद्र मिशन चांग'ई 6 (Chang'e 6) अपने एक और अहम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है। यह मिशन ना सिर्फ चंद्रमा पर लैंड हुआ है, बल्कि वहां से सैंपल्स कलेक्ट करके पृथ्वी पर भेजेगा। खास बात है कि चांग'ई 6 मिशन चंद्रमा के सुदूर हिस्से में उतरा है और पहली बार ऐसा होगा कि चांद के उस हिस्से से पृथ्वी पर सैंपल लाए जाएंगे, जो धरती से दिखाई नहीं देता है। 2 जून को चांग'ई 6 मिशन ने चंद्रमा के विशाल दक्षिणी ध्रुव- ऐटकेन बेसिन (Aitken basin) के अपोलो क्रेटर में लैंड किया था।
हालांकि यह डायरेक्ट पृथ्वी की ओर नहीं बढ़ेगा। एक
रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रमा के ऑर्बिट में चक्कर लगाने के बाद यह धीरे-धीरे पृथ्वी की कक्षा में लौटेगा। उम्मीद है कि जुटाए गए सैंपल 25 जून तक पृथ्वी पर वापस आ जाएंगे।
क्या है Chang'e 6 मिशन?
यह एक रोबोटिक मिशन है, जिसे पूरा करने में चीनी वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत की है। रिपोर्टों के अनुसार, मिशन को 3 मई को लॉन्च किया गया था। इसका मकसद चांद के उस हिस्से से सैंपल लाना है, जो पृथ्वी से हमेशा दूर रहता है। लिफ्टऑफ के महज चार दिनों के बाद Chang'e 6 मिशन ने चंद्रमा की कक्षा में एंट्री कर ली थी। अगले कुछ हफ्तों तक यह ऑर्बिट में घूमता रहा और तय योजना के अनुसार 2 जून को चांद की सतह पर लैंड हुआ।
बताया जाता है कि चंद्रमा से सैंपल लाने के बाद उन्हें स्टडी किया जाएगा। इसकी तैयारियां भी चीन ने शुरू कर दी हैं। स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में चीन की 31 यूनिवर्सिटी और रिसर्च इंस्टिट्यूट के 200 से अधिक वैज्ञानिक बीजिंग में जुटे और सेमिनार में भाग लिया। माना जा रहा है कि इन्हीं वैज्ञानिकों की टीम बनाकर चांग'ई 6 मिशन के सैंपलों को परखा जाएगा।