चंद्रमा से लाई मिट्टी को ‘उधार’ में दे रहा चीन! मकसद क्‍या है? जानें

चांग ई 6 मिशन को मई में लॉन्‍च किया गया था। यह 53 दिनों का मिशन था। चांग ई 6 ने चांद के सुदूर हिस्‍से में अपोलो क्रेटर पर लैंड करके सैंपल इकट्ठा किए थे।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 11 नवंबर 2024 13:29 IST
ख़ास बातें
  • चीन करने जा रहा बड़ा प्रयोग
  • चांद से लाई गई मिट्टी को देगा उधार
  • रिसर्चर्स को शोध के लिए दी जाएगी मिट्टी

इन सैंपलों को सिर्फ चीन में प्रयोग के लिए दिया जाएगा। कुछ समय बाद इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट्स से भी आवेदन मंगाए जा सकते हैं।

चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने इस साल जून में पूरी दुनिया को चौंका दिया था, जब उसका चांग ई 6 (Chang'e 6) लूनार मिशन चंद्रमा के सुदूर हिस्‍से से सैंपल लेकर पृथ्‍वी पर लौटा। चंद्रमा का सुदूर हिस्‍सा वह जगह है, जो पृथ्‍वी से दिखाई नहीं देती। चांद से लाई गई मिट्टी को चीन उधार में देने जा रहा है! यह मिट्टी उन रिसर्चर्स को दी जाएगी, जो शोध करना चाहते हैं। इसके लिए ड्रैगन ने रिसर्चर्स से ऐप्लिकेशंस मांगी हैं। 

चांग ई 6 मिशन को मई में लॉन्‍च किया गया था। यह 53 दिनों का मिशन था। चांग ई 6 ने चांद के सुदूर हिस्‍से में अपोलो क्रेटर पर लैंड करके सैंपल इकट्ठा किए थे। इसने जून में पृथ्‍वी पर वापसी की थी। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी के हवाले से बताया गया है कि चंद्रमा से लाई गई 4 पाउंड और 4.29 औंस यानी करीब 1,935 ग्राम मिट्टी अब घरेलू एक्‍सपेरिमेंट के लिए उपलब्‍ध है। 

जो ऐप्लिकेशंस मंजूर होंगी, उन्‍हें मिट्टी उधार दी जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, आज से पहले किसी भी देश ने चंद्रमा के सुदूर हिस्‍से से सैंपल नहीं जुटाए हैं। इन सैंपलों को स्‍टडी करके चंद्रमा के बारे में नई जानकारी सामने आ सकती है। वैज्ञानिक यह पता लगा सकते हैं कि चांद का वह इलाका इतना अलग क्‍यों है। 

फ‍िलहाल इन सैंपलों को सिर्फ चीन में प्रयोग के लिए दिया जाएगा। कुछ समय बाद इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट्स से भी आवेदन मंगाए जा सकते हैं। हालांकि इसमें टाइम लगेगा। चीन पहले भी चांद से सैंपल ला चुका है। उसके चांग'ई 5 मिशन ने चंद्रमा के मुख्‍य इलाके से सैंपल जुटाए थे। अपने देश में टेस्‍ट करने के करीब 2 साल बाद उन्‍हें दुनिया के बाकी वैज्ञानिकों को मुहैया कराया था। 
 

क्‍यों अलग है यह मून सैंपल?   

Chang'e 6 मिशन पहला मिशन नहीं है, जो चंद्रमा से सैंपल लेकर धरती पर आया हो। सोवियत यूनियन और यूएसए पहले यह काम कर चुके हैं। फ‍िर चीन का मिशन कैसे अलग है? दरअसल, अमेरिका और सोवियत यूनियन ने चंद्रमा के जिस हिस्‍से से सैंपल जुटाए थे, वह हमेशा पृथ्‍वी की ओर फोकस्‍ड रहता है। पहली बार चांद के उस हिस्‍से से किसी देश ने सैंपल जुटाए हैं, जो पृथ्‍वी से कभी भी दिखाई नहीं देता। 
 
 

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