इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की तर्ज पर चीन की अंतरिक्ष एजेंसी अपना स्पेस स्टेशन बना रही है। एक ऐसी जगह जहां रहकर उसके वैज्ञानिक अंतरिक्ष से जुड़े जरूरी काम पूरे कर पाएंगे। बताया जा रहा है कि इस स्पेस स्टेशन के तीसरे और आखिरी मॉड्यूल को इस महीने के आखिर तक लॉन्च किया जा सकता है। इसके लिए मॉड्यूल में प्रोपलैंट (propellant) भर दिया गया है। इसका नाम मेंगटियन एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल (Mengtian experiment module) है। इसे अगस्त में चीन के दक्षिणी द्वीप हैनान के वेनचांग स्पेसपोर्ट में पहुंचा दिया गया था। मॉड्यूल की असेंबली और टेस्टिंग का काम पूरा हो गया है।
रिपोर्टों के
अनुसार, प्रोपलैंट का इस्तेमाल करके मेंगटियन मॉड्यूल, अन्य दो मॉड्यूल से खुद को कनेक्ट करेगा, जो पहले से ही तियांगोंग स्पेस स्टेशन के साथ हैं। चीन ने पिछले साल अप्रैल में तियानहे नाम के कोर मॉड्यूल को लॉन्च किया था, जबकि इस साल जुलाई में वेंटियन एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल को कक्षा में भेजा था। तीसरा मॉड्यूल सफलतापूर्वक लॉन्च हो जाता है, तो यह चीन के लिए बड़ी कामयाबी होगी।
मेंगटियन मॉड्यूल 58.7 फुट लंबी और लगभग 22 मीट्रिक टन वजनी एक संरचना है। इसे मुख्य रूप से साइंस रैक और प्रयोगों की एक सीरीज को लीड करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मॉड्यूल में दो सौर सरणियां (solar arrays) भी लगी हैं, जिनके पंख 180 फीट से भी ज्यादा हैं। इनसे तियांगोंग स्पेस स्टेशन को पावर मिलेगी।
इस मॉड्यूल को चीन के मशहूर ‘लॉन्ग मार्च 5बी' रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। चीन ने लॉन्च की तारीख तो नहीं बताई है, लेकिन अक्टूबर के आखिर में यह हो सकता है। चीन के ‘लॉन्ग मार्च 5बी' रॉकेट दुनियाभर में सुर्खियां बटोर चुके हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) इनकी काफी आलोचना करती है। इसकी वजह इन रॉकेटों के फर्स्ट फेज का अनियंत्रित हो जाना है। अब से पहले लॉन्च किए गए 3 ‘लॉन्ग मार्च 5B रॉकेटों' के विशालकाय फर्स्ट फेज अनियंत्रित होकर पृथ्वी पर वापस लौटे हैं। जुलाई में जब चीन ने वेंटियन मॉड्यूल को लॉन्च किया था, तब भी ‘लॉन्ग मार्च 5बी' रॉकेट का फर्स्ट फेज
अनियंत्रित होकर धरती पर आया था। मलेशिया और इंडोनेशिया के इलाकों में इसके अवशेष गिरे थे, हालांकि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ था।
चीन की योजना तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर कम से कम एक दशक तक टिके रहने की है। वह वहां कमर्शल मिशनों और पर्यटकों के लिए ऑर्बिटल फैसिलिटी शुरू करना चाहता है। कहा जाता है कि स्पेस स्टेशन का काम पूरा होने के बाद यह विजिटिंग कार्गो, चालक दल और डॉकिंग स्पेसक्राफ्ट के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से लगभग 20 गुना बड़ा होगा। इसका वजन करीब 460 टन होगा।