खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए आज का दिन बेहद खास है। आज नवंबर की पूर्णिमा है जो कि बहुत खास पूर्णिमा है। आज की पूर्णिमा इस साल के अंतिम सुपरमून का नजारा दिखाएगी। यानी आज की पूर्णिमा के दिन चांद अन्य पूर्णिमा के मुकाबले ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। इतना ही नहीं, इसके साथ में कई और ग्रह भी आकाश में देखे जा सकेंगे। नवंबर की इस पूर्णिमा को बीवर मून भी कहा जाता है। ऐसा क्यों है, और इसके क्या मायने हैं, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
आज पूर्णिमा की रात आसमान में बीवर मून (Beaver Moon) का शानदार नजारा दिखने वाला है। 15 नवंबर को
सुपरमून आकाश में दिखाई देने वाला है जिसे बीवर मून भी कहा जाता है।
नासा के अनुसार यह आज शाम 4.28 बजे (EST) पर दिखाई देगा। अगस्त में हमें ब्लू मून, सितंबर में हार्वेस्ट मून, और अक्टूबर में हंटर मून का नजारा दिखाई दिया था। जिसके बाद अब नवंबर में बीवर मून दिखाई देने वाला है।
बीवर मून क्या है? दरअसल नवंबर में उत्तरी अमेरिका में बीवर यानी ऊदबिलाव आने वाले ठंडे महीनों के लिए अपने बिल तैयार करते हैं। इस समय वे अपने लिए खाना इकट्ठा करते हैं और उसे अपने बिलों में भर लेते हैं। इसलिए इसे डिगिंग मून के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इसके बाद वहां मौसम में ठंड बढ़ जाती है और बीवर के लिए भोजन इकट्ठा करने का यह आखिरी मौका होता है। इसके अलावा यह जंगली जानवरों के लिए मौसमी चरागाह तलाशने का भी आखिरी मौका होता है। इसलिए उत्तरी अमेरिका में इसका खास महत्व है।
नवंबर की इस पूर्णिमा को कुछ और नामों से भी जाना जाता है। इसे "फ्रॉस्ट मून" और "डियर रटिंग मून" भी कहा जाता है। इसी समय उत्तरी अमेरिका, खासकर उत्तरपूर्वी क्षेत्र में ठंड और बर्फबारी शुरू हो जाती है। आज यह शानदार नजारा आसमान में दिखाई देने वाला है। बीवर मून के साथ खूबसूरत प्लीएड्स तारा समूह भी होगा, जिसे "सात बहनें" भी कहा जाता है। यह वृषभ नक्षत्र में स्थित है। एक और खास घटना आज आप देख पाएंगे जिसमें बुध, शुक्र, शनि और बृहस्पति ग्रह का नजारा भी आसमान में दिखेगा। हालांकि नंगी आंखों से इसे देखने में कठिनाई हो सकती है, इसलिए टेलीस्कोप आदि के माध्यम से इसे बेहतर तरीके से देखा जा सकेगा।