अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को इस तारामंडल में मिला सूरज से 2.5 गुना भारी तारा!

सबसे पहले 2017 में इसकी मौजूदगी का पता लगा था। यह 1.41 मिलीसेकेंड की रफ्तार से घूमता है, जो अभी तक बाकी सभी की रफ्तार से ज्यादा है। 

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को इस तारामंडल में मिला सूरज से 2.5 गुना भारी तारा!
ख़ास बातें
  • PSR J0952-0607 तारा लिओ के दक्षिण में सेक्सटन तारामंडल में मौजूद है
  • यह धरती से 20 हजार प्रकाशवर्ष दूर है
  • अपने हर घुमाव में यह रेडियो वेव्ज़ छोड़ता है
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हमारे सौरमंडल में सबसे बड़ा तारा सूर्य है जो सौरमंडल के बाकी ग्रहों से सैकडों गुना बड़ा है। लेकिन क्या हमारे किसी तारामंडल में कोई ऐसा भी तारा है जो सूर्य से भी बड़ा है? इसका जबाव है- हां। वैज्ञानिकों ने एक नए तारे के बारे में जानकारी दी है जो सूर्य से 2.5 गुना बड़ा है। यह तारा सिंह (Leo) के दक्षिण में स्थित है और सबसे तेज घूमने वाला न्यूट्रॉन तारा है। वैज्ञानिकों द्वारा देखा गया यह अब तक का सबसे बड़ा तारा है। 

PSR J0952-0607 नाम के इस न्यूट्रॉन तारे का वजन सूरज से 2.34 गुना ज्यादा बताया गया है। arXiv.org में वैज्ञानिकों ने इसके बारे में लिखा है कि यह अब तक पाया गया सबसे भारी न्यूट्रॉन स्टार है। स्टैंफोर्ड यूनिवर्सिटी में इस स्टडी के को-ऑथर रोजर रोमानी ने कहा कि इतिहास में देखा गया यह अब तक का सबसे भारी न्यूट्रॉन तारा है। इससे पहले यह रिकॉर्ड PSR J0740+6620 के पास था जो सूरज के भार से 2.08 गुना ज्यादा है। 

PSR J0952-0607 तारा लिओ के दक्षिण में सेक्सटन तारामंडल में मौजूद है। यह धरती से 20 हजार प्रकाशवर्ष दूर है। अपने हर घुमाव में यह रेडियो वेव्ज़ छोड़ता है, इसलिए खगोल वैज्ञानिक इसे पल्सर के रूप में वर्गीकृत करते हैं। सबसे पहले 2017 में इसकी मौजूदगी का पता लगा था। यह 1.41 मिलीसेकेंड की रफ्तार से घूमता है, जो अभी तक बाकी सभी की रफ्तार से ज्यादा है। 

ब्रह्मांड अनंत है और इसकी सीमा को पता लगा पाना लगभग असंभव है। अंतरिक्ष में हो रही खगोल घटनाएं हम एक सीमा तक ही देख पाते हैं, जो हमारी पहुंच के क्षेत्र में हैं। फिर भी, सैकडों सालों की रिसर्च से वैज्ञानिक काफी हद तक ग्रहों के बारे में जानकारी जुटाने में कामयाब हो पाए हैं। तारों के भार के बारे में अंतरिज्ञ वैज्ञानिक कहते हैं कि कोई तार अगर बहुत ज्यादा भारी हो जाता है तो वह अपने ही भार के कारण नष्ट हो जाता है और एक ब्लैक होल बन जाता है। 

इन न्यूट्रॉन तारों के भार आदि के बारे में वैज्ञानिक इसलिए रुचि रखते हैं क्योंकि किसी को नहीं पता है कि एक न्यूट्रॉन स्टार और ब्लैक होल के भार की सीमा रेखा क्या है। इसलिए वैज्ञानिक पता लगाना चाह रहे हैं कि आखिर कोई तारा कितना भारी हो सकता है। इस बारे में रोमानी कहते हैं कि यह ब्रह्मांड में देखी जा सकने वाली चीजों और ब्लैक होल में हमारी नजर से हमेशा के लिए छुपी चीजों के बीच में एक सीमा रेखा बनाने का काम करता है। रोमानी कहते हैं कि एक न्यूट्रॉन स्टार जब ब्लैक होल बनने की कगार पर पहुंच चुका होता है, कि यह किसी भी नष्ट हो सकता है, उस वक्त इसके केंद्र में ब्रह्मांड का सबसे अधिक घनत्व वाला मैटिरियल मौजूद होता है जो कि इस पूरे ब्रह्मांड में उससे ज्यादा घनत्व वाला पदार्थ मौजूद नहीं हो सकता है। 
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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