6.6 करोड़ साल पहले हमारी धरती से डायनासोर का वजूद एक एस्टरॉयड ने खत्म कर दिया था। पृथ्वी से टकराने वाले उस एस्टरॉयड ने ना सिर्फ डायनासोरों को मिटा दिया, बल्कि हमारी पृथ्वी के तीन-चौथाई पौधों और पशुओं को भी समाप्त कर दिया। अब पता चला है कि उस एस्टरॉयड ने उच्च तरंगों के साथ दुनिया भर में सुनामी को भी ट्रिगर किया। मिशिगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि उस सुनामी ने समुद्र के तल को तहस-नहस करते हुए अपने निशान छोड़ दिए। वैज्ञानिक इस निष्कर्ष तक अपने पहले सिम्युलेशन से पहुंचे हैं। यह शोध एजीयू एडवांस पत्रिका में प्रकाशित होने वाला है।
स्पेसडॉटकॉम की
रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्चर्स की टीम ने पिछली स्टडी से निष्कर्ष निकाले और 43000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करने वाले 14 किलोमीटर चौड़े एस्टरॉयड का मॉडल तैयार किया। इस कंप्यूटर मॉडलिंग के दौरान दुनिया भर में 100 साइटों पर हुए भूवैज्ञानिक रिकॉर्ड को भी ध्यान में रखा गया।
मिशिगन यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएशन के छात्र मौली रेंज ने कहा कि यह सुनामी दुनिया भर के आधे समुद्र के तल को बर्बाद करने के लिए काफी मजबूत थी। टीम को मिले कुछ सबसे महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक सबूत न्यूजीलैंड के उत्तर और दक्षिण में द्वीपों के पूर्वी तटों पर चिक्सुलब क्रेटर से 12,000 किमी दूर स्थित थे। यहां वैज्ञानिकों ने समुद्र के तल में काफी निशान देखे।
टीम का अनुमान है कि 6.6 करोड़ साल पहले आई वह सुनामी साल 2004 में हिंद महासागर में एक भूकंप के बाद आई सुनामी की ऊर्जा से 30,000 गुना ज्यादा थी। साल 2004 की सुनामी आधुनिक इतिहास की सबसे बड़ी सुनामी में से एक है। इस घटना ने 230,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी।
माना जाता है कि 14 किलोमीटर चौड़ा एस्टरॉयड जिस जगह गिरा था, वह वर्तमान में मैक्सिको की खाड़ी है। पुरातत्वविदों का मानना है जिस दिन एस्टरॉयड पृथ्वी से टकराया था, उसी दिन डायनासोर मारे गए थे। एस्टरॉयड के समुद्र में गिरने से कितना असर हो सकता है, इसका पता बीते दिनों आई एक रिपोर्ट में चला था। अनुमान है कि लाखों साल पहले एक अन्य एस्टरॉयड अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसकी वजह से समुद्र तल में 8.5 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा हो गया। यह गड्ढा पश्चिम अफ्रीका के गिनी (Guinea) के तट से लगभग 400 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से लगभग 400 मीटर नीचे पाया गया है।