अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक बार फिर अलर्ट जारी किया है। पृथ्वी की ओर आ रही चट्टानी आफतों यानी एस्टरॉयड्स (Asteroid) के खतरे को देखते हुए यह अलर्ट जारी किया गया है। नासा ने चेताया है कि एक और क्षुद्रग्रह (एस्टरॉयड) हमारे ग्रह की ओर बढ़ रहा है। यह पृथ्वी के बेहद करीब आ सकता है, जिस वजह से इसे ‘संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी' में रखा गया है। एस्टरॉयड कभी भी अपनी दिशा बदल सकते हैं, इसलिए वैज्ञानिक इस खतरे को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं।
नासा का
कहना है कि ‘एस्टरॉयड 2019 वीएल 5' (Asteroid 2019 VL5) नाम का एक एस्टरॉयड आज यानी 15 नवंबर को पृथ्वी के बेहद करीब आ सकता है। माना जा रहा है कि जब यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा, तब दोनों के बीच दूरी सिर्फ 32 लाख किलोमीटर रह जाएगी।
लगभग 76 फीट की चौड़ाई वाला यह
एस्टरॉयड किसी विमान के आकार का है। यह 29,289 किलोमीटर प्रति घंटे की तूफानी रफ्तार से पृथ्वी की ओर आ रहा है। फिलहाल वैज्ञानिक इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि यह हमारे ग्रह से नहीं टकराएगा। इस साइज का कोई भी एस्टरॉयड पृथ्वी से टकराए, तो बड़ी तबाही ला सकता है। गौरतलब है कि करोड़ों साल पहले हमारी धरती से डायनासोर का खात्मा भी एक एस्टरॉयड के टकराने के कारण ही हुआ था, ऐसा माना जाता है।
रिपोर्टों के अनुसार, Asteroid 2019 VL5 एस्टरॉयड्स के अपोलो ग्रुप से संबंधित है और सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 365 दिन लगते हैं। जब यह सूर्य की परिक्रमा करता है, तो इसकी सूर्य से अधिकतम दूरी 19.1 करोड़ किलोमीटर और न्यूनतम दूरी 10.8 करोड़ किलोमीटर होती है।
एस्टरॉयड को लघु ग्रह भी कहा जाता है। एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।
एस्टरॉयड जब पृथ्वी के करीब आते हैं, तो वैज्ञानिक इनके और पृथ्वी के बीच की दूरी को देखते हैं। इसके लिए सैटेलाइट और रडार की मदद ली जाती है। ज्यादातर एस्टरॉयड मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मेन एस्टरॉयड बेल्ड में परिक्रमा करते हैं, लेकिन कई एस्टरॉयड की कक्षाएं ऐसी होती हैं, जो पृथ्वी के पास से गुजरती हैं।