एक और ‘खतरनाक’ एस्‍टरॉयड बढ़ रहा है पृथ्‍वी की ओर

4 मार्च को भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 1:30 बजे यह एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के सबसे करीब होगा।

एक और ‘खतरनाक’ एस्‍टरॉयड बढ़ रहा है पृथ्‍वी की ओर

यह एस्‍टरॉयड 384 दिनों में सूर्य का एक चक्‍कर लगाता है।

ख़ास बातें
  • करीब 1.3 किलोमीटर आकार का है यह एस्‍टरॉयड
  • यह अगले महीने तक हमारे पास से गुजरेगा
  • हालांकि पृथ्‍वी और चंद्रमा के मुकाबले यह हमसे 13 गुना ज्‍यादा दूर होगा
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करीब 1.3 किलोमीटर आकार का एक विशाल एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। यह अगले महीने तक हमारे पास से गुजरेगा। 138971 (2001 CB21) नाम के इस एस्‍टरॉयड को संभावित खतरनाक माना गया है। जब यह पृथ्‍वी के करीब आएगा, तब इसके और हमारे ग्रह के बीच की दूरी 4.5 मिलियन किलोमीटर के करीब होगी। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि घबराने वाली कोई बात नहीं है। वजह यह है कि जब यह पृथ्‍वी के सबसे करीब होगा, तब भी यह चंद्रमा और पृथ्‍वी की दूरी के मुकाबले 13 गुना दूर होगा। अहम बात यह है कि एस्‍टरॉयड 26,800 मील प्रति घंटे से तेज रफ्तार से यात्रा करेगा। 4 मार्च को भारतीय समय के मुताबिक, दोपहर 1:30 बजे यह पृथ्‍वी के सबसे करीब होगा। 

इटली में वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट के एक खगोलशास्त्री ने 30 जनवरी को इस एस्‍टरॉयड को हमारी ओर आते हुए तस्‍वीर में कैद किया है। खगोलविद- जियानलुका मासी ने पृथ्वी-बेस्‍ड टेलीस्कोप का इस्‍तेमाल करके इसे नोट‍िस किया। तब यह पृथ्‍वी से 35 मिलियन किलोमीटर दूर था।

वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर शेयर की गई इमेज में एस्‍टरॉयड को एक छोटे सफेद बिंदु के रूप में देखा जा सकता है। 

Newsweek की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एस्‍टरॉयड 384 दिनों में सूर्य का एक चक्‍कर लगाता है। यह पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर लगने वाले चक्‍कर के समय से थोड़ा अधिक है। एस्‍टरॉयड को ‘संभावित रूप से खतरनाक' के रूप में कैट‍िगराइज करने का यह मतलब नहीं है कि एस्‍टरॉयड हमें नुकसान पहुंचा सकता है। इसका मतलब है कि यह हमारे बेहद करीब आने में सक्षम है। कैटिगराइज करते वक्‍त एस्‍टरॉयड के आकार को भी ध्यान में रखा जाता है। पिछले महीने एक और एस्‍टरॉयड पृथ्वी के नजदीक आया था। 7482 (1994 PC1) नाम का वह एस्‍टरॉयड 1 किलोमीटर से ज्‍यादा चौड़ा था और 18 जनवरी को पृथ्वी के करीब से गुजरा था।

अभी तक किसी एस्‍टरॉयड के पृथ्‍वी से टकराने के खतरे का पता नहीं चला है, लेकिन भविष्य में ऐसी स्थिति पैदा होने पर उससे निपटने के लिए नासा काम कर रही है। नासा ने डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट (DART) मिशन शुरू किया है। इसके तहत स्‍पेसक्राफ्ट को एस्‍टरॉयड से टकराया जाना है, ताकि उसे प्रक्षेपवक्र (trajectory) में बदलाव के लिए प्रेरित किया जा सके। इस साल सितंबर-अक्‍टूबर में यह क्रैश कराया जा सकता है।
 
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