हाल में खबर आई थी कि एक घर में कंस्ट्रक्शन का काम कर रहे शख्स को कंकाल दिखाई दिया था। वहां खुदाई की गई तो यूरोप के सबसे बड़े डायनासोर का जीवाश्म बरामद हुआ। अब जीवाश्म विज्ञानियों की एक टीम ने नया कंकाल खोजा है। यह अफ्रीका में अबतक पाया गया सबसे पुराना डायनासोर का कंकाल है। अनुमान है कि एमबिरेसॉरस राठी (Mbiresaurus raathi) एक लंबी गर्दन वाला डायनासोर था। इसकी लंबाई लगभग 6 फीट और वजन 10 से 30 किलो था। इस खोज में वर्जीनिया टेक के एक ग्रैजुएट स्टूडेंट की अहम भूमिका रही है। पहले 2017 और फिर 2019 में हुई खुदाई के बाद इसका पता चला।
रिपोर्टों के अनुसार, जीवाश्म की खोज करने वाले क्रिस्टोफर ग्रिफिन ने प्रेस को दिए अपने बयान में कहा है कि एमबीरेसॉरस राठी की खोज सबसे पुराने डायनासोर के जीवाश्म रिकॉर्ड में एक महत्वपूर्ण भौगोलिक अंतर को भरती है। ये अफ्रीका के सबसे पुराने पहचाने गए डायनासोर हैं। इनकी उम्र दुनिया में कहीं भी पाए जाने वाले सबसे पुराने डायनासोर के बराबर है। सबसे पुराने ज्ञात डायनासोर लगभग 230 मिलियन (23 करोड़) साल पहले मौजूद थे। ये काफी दुर्लभ हैं। इनके जीवाश्म दुनिया भर में सिर्फ कुछ जगहों उत्तरी अर्जेंटीना, दक्षिणी ब्राजील और भारत से बरामद किए गए हैं।
इस रिसर्च की फाइंडिंग्स जर्नल नेचर में
पब्लिश हुई हैं। पाए गए कंकाल में डायनासोर के हाथ और खोपड़ी के कुछ हिस्से गायब हैं। इस रिसर्च में कई इंटरनेशनल टीमें भी शामिल थीं। फाइंडिंग्स से पता चलता है कि एमबिरेसॉरस दो पैरों पर खड़ा होता था और उसका सिर पैरों की तुलना में छोटा था। इसके दांत छोटे और त्रिभुजाकार थे। दांत नुकीले थे, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह शाकाहारी या सर्वाहारी रहा होगा।
क्रिस्टोफर ग्रिफिन ने कहा कि हमने कभी भी इस तरह के पूर्ण और अच्छे से संरक्षित डायनासोर कंकाल को खोजने की उम्मीद नहीं की थी। जब मुझे एमबिरेसॉरस की जांघ की हड्डी मिली, तो मैंने इसे एक डायनासोर के रूप में पहचाना। मुझे पता था कि यह अफ्रीका में पाए जाने वाले सबसे पुराने डायनासोर में से है। बहरहाल यह खोज काफी महत्वपूर्ण है। इससे वैज्ञानिकों को डायनासोर के प्रवास के बारे में समझने में मदद मिलेगी। यह भी अंदाजा लगाया जा सकेगा कि आखिर अफ्रीका से डायनासोर कैसे खत्म हो गए।