ब्रह्मांड में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना पर वैज्ञानिकों की नजर रहती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने ऐसी ही एक घटना के बारे में जाना है। एजेंसी ने बताया है कि अक्टूबर के दूसरे रविवार यानी 9 तारीख को रेडिएशन की एक ब्राइट और लंबी समय तक चलने वाली पल्स हमारे ग्रह से होकर बही। यह एक ब्रह्मांडीय विस्फोट था, जो ‘गामा-रे बर्स्ट' से निकला। इन्हें ब्रह्मांड में होने वाले सबसे बड़े विस्फोटों में से एक माना जाता है।
रिपोर्टों के अनुसार, जैसे ही एक्स-रे और गामा किरणों की वेव्स हमारे सौर मंडल से होकर गुजरीं, नासा के फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप (Fermi Large Area Telescope), नील गेहरल्स स्विफ्ट ऑब्जर्वेटरी (Neil Gehrels Swift Observatory) और विंड स्पेसक्राफ्ट (Wind spacecraft) समेत अन्य ऑब्जर्वेट्री को इसके बारे में पता चला। उन्होंने फौरन उस सिग्नल को कैच कर लिया।
बताया जाता है कि यह सिग्नल सगीता (Sagitta) तारामंडल की दिशा से शुरू हुआ था। हमारे ग्रह तक पहुंचने के लिए वह करीब 1.9 अरब साल की यात्रा कर चुका था। खगोलविदों का मानना है कि एक विशाल तारे के उसके वजन के कारण गिरने से ऐसा हुआ होगा। यह तारा ब्लैक होल बनाने की प्रक्रिया में होगा। ऐसी स्थिति में नया बना ब्लैक होल प्रकाश की गति से यात्रा करने वाले कणों की शक्तिशाली धाराओं को आकर्षित करता है। जब ये जेट तारे में छेद करते हैं, तो यह एक्स-रे और गामा किरणों का उत्सर्जन करता है।
गौरतलब है कि जिन टेलीस्कोप ने इस सिग्नल को कैप्चर किया, उनमें से फर्मी लार्ज एरिया टेलीस्कोप दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप है। Fermi Large Area Telescope का फील्ड ऑफ विजन और उसकी आकाश को देखने की क्षमता कॉम्पटन से 2 गुना ज्यादा है, और सेंसिटिविटी 30 गुना ज्यादा है।
गामा रे (Gamma Rays) प्रकाश का सबसे ज्यादा ऊर्जा वाला रूप होती हैं। इनकी एनर्जी साधारण रूप से दिखने वाली रोशनी से खरबों गुना ज्यादा होती है। इन्हें आसानी से देखा या ढूंढा नहीं जा सकता है। तारों के विस्फोट के दौरान और ब्लैक होल आदि से गामा रे निकलती रहती हैं। गामा रे की मदद से वैज्ञानिक स्पेस में दूर तक जा सकते हैं और वहां चल रही खगोलीय घटनाओं का पता लगा सकते हैं।