सौरमंडल 4.6 अरब साल पुराना बताया जाता है। सौरमंडल का बनना अभी तक सटीक रूप से जाना नहीं जा सका है। इसके बारे में सिर्फ थ्योरी ही पेश की गई हैं। कहा जाता है कि सौरमंडल का जन्म एक बड़े गैस के बादल, जिसे नेब्युला भी कहते हैं, के अंदर विस्फोट से हुआ होगा। जबकि ब्रह्मांड इससे भी कहीं ज्यादा पुराना है। रहस्यों से भरे अंतरिक्ष में ग्रहों के अलावा बहुत से खगोलीय पिंड ऐसे भी हो सकते हैं जो अभी तक अनदेखे हैं। और जो देखे हुए हैं, उनके बारे में भी बहुत अधिक नहीं जाना जा सका है। एस्टरॉयड भी ऐसे ही खगोलीय पिंड हैं जो सौरमंडल का हिस्सा हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, इनकी संरचना में ब्रह्मांड के जन्म के राज छुपे हो सकते हैं। लेकिन कई बार ये पृथ्वी के लिए खतरनाक भी बन जाते हैं।
पिछले कुछ दिनों में कई एस्टरॉयड धरती के इतने करीब से गुजर चुके हैं कि उनकी दिशा में जरा सा परिवर्तन भी पृथ्वी पर भारी तबाही ला सकता था। कुछ चट्टानी टुकड़े तो चांद जितने करीब आकर पृथ्वी के पास से गुजर चुके हैं। इसलिए नासा इनसे खतरे को देखते हुए लगातार इन्हें ट्रैक करती है।
NASA आज फिर से 2 एस्टरॉयड के पृथ्वी के करीब आने का अलर्ट जारी किया है। यह हजारों किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहें हैं। इनका साइज भी डराने वाला है। आइए जानते हैं आज धरती की ओर आ रहीं इन खतरनाक चट्टानों के बारे में।
नासा की
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी ने आज 2 एस्टरॉयड के लिए अलर्ट जारी किया है। आज 2 बड़ी चट्टानें पृथ्वी को घेरने आ रही हैं। इनमें से एक एस्टरॉयड 2023 HL है। यह 45 फीट की चट्टान है जो आज धरती के काफी करीब आने वाली है। यह एक बड़े मकान जितना भारी है। जब यह धरती के करीब से गुजरेगा तो दोनों के बीच की दूरी 5,190,000 किलोमीटर होगी, जो सबसे करीबी बिंदु होगा। हालांकि नासा ने कल भी इसके लिए अलर्ट जारी किया था। लेकिन यह आज धरती की ओर बढ़ रहा है।
इसके साथ ही एक और
बड़ा खतरा धरती की ओर आज आ रहा है। एस्टरॉयड 2023 LV1 (asteroid 2023 LV1)) भी आज पृथ्वी की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इसका साइज सुनकर आप चौंक जाएंगे। यह 590 फीट बड़ा एस्टरॉयड है। यानि कि दो बड़ी बिल्डिंग जितनी भारी चट्टान है ये, जो धरती से 5,630,000 किलोमीटर की दूरी तक करीब आने वाली है। 150 फीट के एस्टरॉयड धरती के लिए खतरे की संभावना लेकर आते हैं। इसलिए एस्टरॉयड 2023 LV1 को लेकर भी
अंतरिक्ष वैज्ञानिक अलर्ट पर हैं। हालांकि नासा ने इसके धरती से टकराने की सूचना जारी नहीं की है।