पृथ्वी में 1600 किलोमीटर नीचे तक पहुंचे वैज्ञानिक! मिली ‘लोहे की गेंद', जानें पूरा मामला
हमारी पृथ्वी (Earth) बाहर से जितनी खूबसूरत दिखाई देती है, अंदर से उतनी ही रहस्यभरी है। कोई आपसे पूछे कि धरती के अंदर क्या है? इसका सबसे आम जवाब होगा, पानी! लेकिन पृथ्वी के अंदर, बहुत अंदर क्या हो सकता है, यह जानने के लिए वैज्ञानिक वर्षों से रिसर्च कर रहे हैं। लगभग 20 साल पहले वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के आंतरिक कोर (Inner core) के भीतर एक और कोर होने का अनुमान लगाया था। तभी से वैज्ञानिक यह समझना चाह रहे हैं कि वहां क्या है। अब एक नई स्टडी ने इस पर रोशनी डाली है। तस्वीर, Australian National University से
2/6
आंतरिक कोर के अंदर एक और कोर
यह स्टडी जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश हुई है। स्टडी कहती है कि पृथ्वी के आउटर कोर ने नीचे पृथ्वी का इनर कोर है। उसमें भी एक छुपी हुई परत है जिसे स्टडी में अंतरतम आंतरिक कोर (innermost inner core) कहा गया है। अपनी थ्योरी में वैज्ञानिकों ने इसे और आसानी से समझाया है और कहा है कि यह लोहे की गेंद के समान है।
3/6
4 नहीं 5 परतें हैं पृथ्वी की
नई स्टडी से यह भी पता चलता है कि पृथ्वी में 4 नहीं 5 परतें हैं। सबसे बाहर है मेंटल, उसके बाद है आउटर कोर, फिर इनर कोर है और इनर के अंदर छुपी हुई है इनरमोस्टर इनर कोर (अंतरतम आंतरिक कोर)। करीब 20 साल पहले वैज्ञानिकों ने अंतरतम आंतरिक कोर का अनुमान लगाया था, लेकिन वह नहीं जानते थे कि वहां मौजूद मटीरियल क्या है। कहा जा रहा है कि यह खोज हमारे ग्रह के रहस्यों को उजागर करने में मददगार हो सकती है। यह समझना भी आसान हो सकता है कि पृथ्वी का निर्माण कैसे हुआ।
4/6
भूकंपीय तरंगों के डेटा का इस्तेमाल
स्टडी कहती है कि इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने भूकंपीय तरंगों को मापने के दौरान जुटाए गए डेटा को इस्तेमाल किया। आखिरकार वैज्ञानिक इनरमोस्टर इनर कोर के निष्कर्ष तक पहुंचे। भूकंपीय तरंगें वो वाइब्रेशंस हैं, जो भूकंप आने, ज्वालामुखी फटने के कारण पृथ्वी की सतह के नीचे या इसकी आंतरिक परतों से गुजरती हैं।
5/6
छोटी-मोटी गेंद नहीं, 650 km चौड़ी
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने जिस अंतरतम आंतरिक कोर का पता लगाया है, वह इसकी ऊपरी संरचना यानी इनर कोर के जैसी ही है। वैज्ञानिक जिस अंतरतम आंतरिक कोर को लोहे की बॉल जैसा बता रहे हैं वह आकार में 650 किलोमीटर चौड़ी हो सकती है। अनुमान है कि इसका बाहरी आवरण लोहे और निकल से बना हुआ है।
6/6
इस शोध के मायने
वैज्ञानिकों ने जिस नई परत का पता लगाया है वह जमीन से लगभग 1600 किलोमीटर नीचे होने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्टडी वैज्ञानिकों को पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र पर अपनी समझ को और विकसित करने में मदद कर सकती है। हो सकता है कि इस खोज से वैज्ञानिक अन्य ग्रहों और हमारे सौरमंडल के बारे में भी अहम सुराग जुटा पाएं। तस्वीरें, Australian National University और Unsplash से।
Comments
पृथ्वी में 1600 किलोमीटर नीचे तक पहुंचे वैज्ञानिक! मिली ‘लोहे की गेंद', जानें पूरा मामला