वैज्ञानिकों को मिलीं हमारी जैसी 2 और पृथ्वी, क्या वहां रह भी सकेंगे? जानें
हमारे ब्रह्मांड में कई ऐसे रहस्य छुपे हुए हैं, जिनका सामने आना अभी बाकी है। वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी उम्मीद हैं ‘एलियंस'। एक बड़े तबके को लगता है कि पृथ्वी के अलावा भी ब्रह्मांड में जीवन हो सकता है। कहां? कोई नहीं जानता, लेकिन जानने की तलाश में दिन-रात एक कर रहे हैं वैज्ञानिक। हमने अपने पड़ोसी ग्रह मंगल (Mars) पर तमाम मिशन इस उम्मीद में भेजे हैं कि वहां जीवन की संभावनाओं से जुड़ा कोई सबूत मिल जाए। वैज्ञानिक एक्सोप्लैनेट्स को भी खंगाल रहे हैं। हाल में उन्हें एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। क्या होते हैं एक्सोप्लैनेट्स और क्या पता चला है वैज्ञानिकों को, आइए जानते हैं।
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पृथ्वी जैसे दो ग्रह ‘सुपर-अर्थ' मिले
रिपॉजिटरी arXiv में पब्लिश हुई स्टडी में बताया गया है कि खगोलविदों ने पृथ्वी जैसे दो ‘सुपर-अर्थ' एक्सोप्लैनेट (Exoplanet) का पता लगाया है। दोनों एक्सोप्लैनेट अपने तारे का चक्कर उस क्षेत्र में लगाते हैं, जो रहने के काबिल हो सकता है। दोनों एक्सोप्लैनेट हमारे ग्रह से थोड़ा बड़े हैं और एक लाल बौने तारे (red dwarf star) की परिक्रमा करते हैं।
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क्या होते हैं एक्सोप्लैनेट
आसान शब्दों में समझाना हो तो, ऐसे ग्रह जो हमारे सूर्य की नहीं, बल्कि अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं, एक्सोप्लैनेट कहलाते हैं। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी जैसे जिन एक्सोप्लैट का पता लगाया है, उन्हें नासा के ट्रांसिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) ने स्पॉट किया था। जिस वक्त ग्रहों को देखा गया, वो अपने तारे को क्रॉस कर रहे थे, जिसे TOI-2095 कहा जाता है।
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137 प्रकाशवर्ष दूर हैं हमारी पृथ्वी से
TOI-2095 नाम का तारा हमारे सौर मंडल से लगभग 137 प्रकाशवर्ष दूर है। इसका चक्कर लगाने वाले दोनों एक्सोप्लैनेट की कुछ और खूबियों का भी वैज्ञानिकों को पता चला है। वैज्ञानिकों ने इन एक्सोप्लैनेट को TOI-2095b और TOI-2095 c दिया है। दोनों की खूबियां इन्हें पृथ्वी जैसा बनाती हैं।
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24 से 74 डिग्री के बीच हो सकता है तापमान
TOI-2095b नाम का ग्रह हमारी पृथ्वी से 1.39 गुना चौड़ा है। यह महज 17.7 दिनों में अपने सूर्य का एक चक्कर पूरा कर लेता है। TOI-2095 c नाम का दूसरा ग्रह अपने तारे से थोड़ा दूर है और 28.2 दिनों में तारे का एक चक्कर लगा पाता है। रिसर्चर्स का कहना है कि इन ग्रहों का तापमान 24 से 74 डिग्री सेल्सियस के बीच होने की संभावना है।
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हमारे सूर्य से कम गर्म है TOI-2095
स्टडी में बताया गया है कि TOI-2095 हमारे सूर्य के मुकाबले कम गर्म है। इसके बावजूद पराबैंगनी किरणें और एक्स-रे रेडिएशन उससे उत्सर्जित हो सकते हैं। इससे तारे की परिक्रमा करने वाले नजदीकी ग्रहों के वायुमंडल पर असर होता है। वैज्ञानिक अभी यह नहीं जान पाए हैं कि पृथ्वी जैसे दोनों ग्रहों का वायुमंडल जीवन के लिए कितना अनुकूल है। तस्वीरें, Pixabay से।
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