Asteroid Alert! वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से दोगुनी बड़ी चट्टानी आफत आ रही पृथ्वी के करीब, अब क्या होगा?
एस्टरॉयड्स (Asteroids) का पृथ्वी के नजदीक से गुजरना जारी है। एक के बाद एक ‘चट्टानी आफतें' हमारे ग्रह के करीब आती रहती हैं। इनमें से कुछ पृथ्वी के लिए ‘संभावित रूप से खतरनाक' भी होती हैं, जिसका मतलब है कि भविष्य में कभी न कभी कोई एस्टरॉयड पृथ्वी को नुकसान पहुंचा सकता है। बहरहाल, आज एक और आसमानी आफत पृथ्वी के करीब से गुजर रही है। यह एस्टरॉयड साइज में बहुत बड़ा है, जिसका आकार 5 से 10 फुटबॉल मैदानों के आकार के बराबर है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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45 लाख किलोमीटर तक आएगा नजदीक
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के मुताबिक, आज पृथ्वी के करीब से गुजर रहे एस्टरॉयड का नाम (199145) 2005 YY128 है। इसे साल 2005 में खोजा गया था। जब यह एस्टरॉयड पृथ्वी के सबसे करीब होगा, तब दोनों के बीच की दूरी महज 45 लाख किलोमीटर रह जाएगी। भले ही यह दूरी बहुत ज्यादा लगे, लेकिन अंतरिक्ष में तैरते ऑब्जेक्ट्स के लिहाज से बहुत कम है। यही वजह है कि नासा ने इस एस्टरॉयड को संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में रखा है।
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साइज को लेकर कन्फर्म नहीं हैं वैज्ञानिक
बताया जाता है कि साइंटिस्ट इस एस्टरॉयड के साइज को लेकर निश्चित नहीं हैं। EarthSky.org के अनुसार, एस्टरॉयड का साइज 1,900 से 4,265 फीट तक हो सकता है। वैज्ञानिकों ने इस एस्टरॉयड का औसत आकार 3,100 फीट अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट कहती है कि यह एस्टरॉयड न्यू यॉर्क के वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की तुलना में लगभग दोगुना चौड़ा होगा।
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टेंशन क्यों देते हैं एस्टरॉयड?
एस्टरॉयड हमेशा से ही वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ाते रहे हैं। इसकी एक वजह पृथ्वी का अतीत भी है। माना जाता है कि करोड़ों साल पहले पृथ्वी से डायनासोर का खात्मा एक एस्टरॉयड के टकराने की वजह से हुआ था। बहरहाल, आज पृथ्वी के करीब आ रहा एस्टरॉयड हमारे लिए कोई बड़ा खतरा नहीं है। हालांकि वैज्ञानिक इसे तब तक मॉनिटर करते रहेंगे, जबतक यह पृथ्वी से बहुत दूर नहीं चला जाता।
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क्या होते हैं एस्टरॉयड
Nasa के अनुसार, एस्टरॉयड को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।
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मंगल-बृहस्पति ग्रह के बीच घूमते हैं ज्यादातर एस्टरॉयड
ज्यादातर एस्टरॉयड एक मुख्य एस्टरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्टरॉयड का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा से कम है। मंगल और बृहस्पति के बीच पाए जाने वाले ये एस्टरॉयड कभी-कभी पृथ्वी की कक्षा के करीब भी आ जाते हैं।
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पृथ्वी के करीब एस्टरॉयड का आना
एस्टरॉयड जब पृथ्वी के करीब आते हैं, तो वैज्ञानिक इनके और पृथ्वी के बीच की दूरी को देखते हैं। इसके लिए सैटेलाइट और रडार की मदद ली जाती है। ज्यादातर एस्टरॉयड मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मेन एस्टरॉयड बेल्ड में परिक्रमा करते हैं, लेकिन कई एस्टरॉयड की कक्षाएं ऐसी होती हैं, जो पृथ्वी के पास से गुजरती हैं। पृथ्वी के कक्षीय पथ को पार करने वाले एस्टरॉयड को अर्थ-क्रॉसर्स के रूप में जाना जाता है।
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एस्टरॉयड का नामकरण भी दिलचस्प!
जब किसी एस्टरॉयड की खोज होती है, तो उसका नामकरण इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन कमिटी करती है। नाम कुछ भी हो सकता है, लेकिन साथ में एक नंबर भी उसमें जोड़ा जाता है जैसे- (99942) एपोफिस। कलाकारों, वैज्ञानिकों, ऐतिहासिक पात्रों के नाम पर भी एस्टरॉयड का नाम रखा जाता है। तस्वीरें, नासा और लाइव साइंस से।
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