Vivo T2 5G भारत में कंपनी की लेटेस्ट पेशकश है, जिसके बेस वेरिएंट को 20 हजार रुपये से कम कीमत में लॉन्च किया गया है। स्मार्टफोन Vivo T1 5G का अपग्रेड है, जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था। नया स्मार्टफोन कैमरा सेटअप, चार्जिंग क्षमता और डिजाइन व बिल्ड के मामले में अपग्रेड्स लेकर आता है, लेकिन पिछले साल के मॉडल की तुलना में बैटरी क्षमता को कम कर दिया गया है। साथ ही
Vivo T2 5G में पिछले साल के मॉडल के समान चिपसेट शामिल किया गया है। अपनी कीमत में Vivo T2 5G की सीधी टक्कर
OnePlus Nord CE 3 Lite 5G,
Redmi Note 12 5G,
Moto G73 5G और अपने ही भाई
iQOO Z7 5G से होती है। क्या Vivo ने T1 5G की तुलना में लेटेस्ट मॉडल में पर्याप्त अपग्रेड्स किए हैं और क्या 20,000 रुपये के प्राइस रेंज में आपको इसे खरीदना चाहिए? जानने के लिए हमारे इस रिव्यू को अंत पूरा पढ़ें।
Vivo T2 5G की भारत में कीमत
Vivo T2 5G को दो रैम और स्टोरेज ऑप्शन में लॉन्च किया गया है। बेस वेरिएंट में 6GB रैम और 128GB स्टोरेज मिलती है, जिसकी कीमत 18,999 रुपये है और टॉप मॉडल में 8GB रैम और 128GB स्टोरेज शामिल है, जिसकी कीमत 20,999 रुपये है।
Vivo T2 5G डिजाइन और डिस्प्ले
डिजाइन के मामले में T2 5G अपने पूर्ववर्ती मॉडल के काफी अलग है। नया स्मार्टफोन बिल्कुल अलग कैमरा मॉड्यूल और बिल्ड के साथ आता है। इसमें फ्लैट पॉलीकार्बोनेट बॉडी और फ्रेम मिलता है। पीछे की ओर दो बड़े रिंग हैं, जिनमें से एक रिंग में प्राइमरी कैमरा सेंसर और दूसरी रिंग में सेकंडरी कैमरा सेंसर के साथ एक LED फ्लैश को शामिल किया गया है। Vivo ने हमें T2 5G का नाइट्रो ब्लेज कलर भेजा है और जैसा कि हमने अपने फर्स्ट इंप्रेशन में बताया, यह वेरिएंट काफी चमकदार फिनिश के साथ आता है। इसकी खास बात यह है कि बैक पैनल अलग-अलग एंगल पर रोशनी पड़ने पर नीले से नारंगी रंग में शेड बदलता है। पैनल पर यूनिक ग्रेडिएंट पैटर्न दिया गया है। पैनल पर उंगलियों के निशान पड़ते हैं, लेकिन इसकी फिनिश के चलते दिखाई नहीं देते हैं। निश्चित तौर पर मुझे व्यक्तिगत रूप से यह कलर ऑप्शन काफी प्रीमियम लगा। हालांकि, रंगों में पसंद पूरी तरह से व्यक्तिगत होती है। यदि आपको क्लासिक ब्लैक कलर ज्यादा पसंद आता है, तो आप इसके वैलोसिटी ब्लेज कलर को चुन सकते हैं।
फ्लैट फ्रेम और हल्के गोल किनारों की वजह से स्मार्टफोन को पकड़ना आसान रहता है और 172 ग्राम वजन व 7.8mm मोटाई के साथ इसे लंबे समय तक हाथ में पकड़े रहने में कोई समस्या नहीं होती है। फ्रेम के दाईं ओर दिए गए वॉल्यूम और पावर व लॉक/अनलॉक बटन की प्लेसमेंट भी सही है, जिससे इन तक पहुंचना आसान रहता है। कुल मिलाकर, मुझे Vivo T2 5G का इन-हैंड फील काफी पसंद आया। जबकि ज्यादातर प्रतियोगिता होल-पंच कटआउट पतले बेजल्स के साथ स्मार्टफोन को महंगा फील देने की कोशिश करते हैं, Vivo T2 5G बड़े साइड बेजल, मोटी चिन और वाटरड्रॉप नॉच के साथ डिजाइन को कुछ साल पीछे ले जाता है।
Vivo T2 5G में 6.38-इंच डिस्प्ले मिलता है और T1 5G में शामिल IPS पैनल के बजाय नए मॉडल को AMOLED पैनल में अपग्रेड किया गया है, जो पहले से बेहतर ब्राइटनेस लेवल की भी पेशकश करता है। कंपनी का दावा है कि स्क्रीन 90Hz तक रिफ्रेश रेट, 360Hz टच सैंपलिंग रेट और 1300 nits की पीक ब्राइटनेस सपोर्ट करती है। डिस्प्ले Widevine L1 के साथ HDR10 सपोर्ट करता है। जबकि कंटेंट स्ट्रीमिंग ऐप्स के लिए HDR प्लेबैक उपलब्ध नहीं है, Netflix, Prime Video, Disney+ Hotstar जैसे OTT प्लेटफॉर्म पर कंटेंट स्ट्रीमिंग का मेरा अनुभव अच्छा रहा। डिस्प्ले काफी वाइब्रेंट और पंची कलर जनरेट करता है और डीप ब्लैक को भी अच्छे से दिखाता है।
स्क्रीन 90Hz तक रिफ्रेश रेट सपोर्ट करती है और सेटिंग्स के जरिए आप स्टैंडर्ड 60Hz और 90Hz के बीच एक ऑप्शन चुन सकते हैं। इसमें एक 'स्मार्ट स्विच' भी मिलता है, जो स्क्रीन पर हो रहे काम के हिसाब से रिफ्रेश रेट को अपने आप 60 और 90Hz पर एडजस्ट करता रहता है। मुझे एनिमेशन या ट्रांजिशन में और स्क्रॉल करते समय स्क्रीन पर कोई लैग फील नहीं हुआ।
अच्छी बात यह है कि आज भी वायर्ड ईयरफोन्स इस्तेमाल करने वालों के लिए Vivo T2 5G में 3.5mm हेडफोन जैक मिलता है, लेकिन अगर आप स्पीकर पर कंटेंट देखने वालों में से हैं, तो आपको यहां थोड़ी निराशा हाथ लगेगी, क्योंकि स्मार्टफोन में केवल एक स्पीकर मिलता है, जो कंटेंट स्ट्रीमिंग के लिए पर्याप्त लाउड नहीं है। फोन AI-बेस्ड फेस रिकग्निशन और इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ आता है और दोनों ही ऑथेंटिकेशन के मामले में सटीक और फास्ट हैं।
Vivo T2 5G स्पेसिफिकेशन्स और सॉफ्टवेयर
Vivo T2 5G में Qualcomm Snapdragon 695 SoC मिलता है, जो पिछले साल के T1 5G में भी उपलब्ध था। हालांकि, पिछले मॉडल की तुलना में नया T2 5G 44W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करता है, लेकिन बैटरी की क्षमता को पूर्ववर्ती में शामिल 5000mAh से घटाकर 4,500mAh कर दिया गया है। इसमें हाइब्रिड सिम स्लॉट, यूएसबी टाइप-सी पोर्ट, ब्लूटूथ 5.1, वाई-फाई 6 और जीपीएस शामिल है। हमने इसके 6GB रैम वेरिएंट को रिव्यू किया है।
Vivo T2 5G Android 13 पर आधारित Funtouch OS 13 पर चलाता है। पिछले कुछ समय में Vivo ने Funtouch OS में कई सुधार किए हैं, लेकिन आज भी सॉफ्टवेयर ब्लोटवेयर्स से भरा आता है। पहले बूट में मेरे सामने कई नेटिव ऐप्स और थर्ड-पार्टी ऐप्स थे, जिनमें से आप थर्ड-पार्टी ऐप्स को तो हटा सकते हैं, लेकिन कई नेटिव ऐप्स को डिसेबल करने का ऑप्शन उपलब्ध नहीं था। अच्छी बात यह है कि Hot Apps और Hot Games जैसे फोल्डर्स को V-App स्टोर के जरिए डिसेबल किया जा सकता है। मुझे कुछ नेटिव ऐप्स ने दिनभर में चार से पांच नोटिफिकेशन भेजे। एक क्षेत्र जहां सुधार हुआ है, वो है रैम मैनेजमेंट। मैंने देखा कि ज्यादातर ऐप्स बैकग्राउंड में एक्टिव रहे और वापस स्विच करने पर लोड नहीं हुए। हालांकि, गेम या भारी ऐप्स चलाते समय सॉफ्टवेयर रैम को फ्री रखने के लिए कुछ ऐप्स को इनएक्टिव कर देता है। इसमें आपको भरपूर कस्टमाइजेशन ऑप्शन मिलेंगे।
Vivo T2 5G परफॉर्मेंस और बैटरी लाइफ
Snapgraon 695 से लैस स्मार्टफोन ने 410,346 का AnTuTu स्कोर हासिल किया, जबकि Geekbench 6 पर इसे सिंगल-कोर टेस्ट में 869 और मल्टी-कोर टेस्ट में 1,879 स्कोर मिला। ग्राफिक्स बेंचमार्च GFX Bench के T-Rex और Car Chase टेस्ट में फोन ने क्रमश: 77fps and 17fps हासिल किए। मुझे रोजमर्रा के यूसेज में किसी प्रकार का परफॉर्मेंस इश्यू नहीं हुआ। फोन लगभग सभी कामों को काफी अच्छे से हैंडल करता है। सोशल मीडिया ऐप्स हो या फिर गेम्स, मेरा ओवरऑल एक्सपीरियंस काफी स्मूथ रहा।
गेमिंग की बात करें, तो मैंने इसमें Genshin Impact और Call of Duty: Mobile जैसे ग्राफिक्स इंटेंसिव गेम्स खेलें, जिन्हें शुरुआत में लोड होने में तो समय लगा, लेकिन लो और मीडियम सेटिंग्स में गेम काफी स्मूथ चलें। Call of Duty: Mobile डिफॉल्ट रूप से 'High' ग्राफिक्स सेटिंग और 'High' फ्रेम रेट कॉम्बिनेशन पर चला, जिसमें लंबी गेमिंग पर भी मुझे खेलने में कोई समस्या नहीं हुई। हालांकि, जैसे ही मैंने सेटिंग्स खो 'Very High' ग्राफिक्स और 'Very High' फ्रेम रेट पर स्विच किया, तो मैंने गेमप्ले के दौरान कभी-कभी स्टटर फील किया, लेकिन इसने गेमिंग अनुभव को ज्यादा खराब नहीं किया। करीब 30 मिनट की गेमिंग के बाद भी फोन गर्म नहीं हुआ।
बैटरी लाइफ के मामले में Vivo T2 5G ने मुझे खासा इंप्रेस किया। स्मार्टफोन ने लगभग नौ घंटे का स्क्रीन-ऑन टाइम दिया। वीवो का दावा है कि स्मार्टफोन 25 मिनट में 60% चार्ज हो सकता है। हमारे टेस्ट में हमने पाया कि बॉक्स में दिए गए एडेप्टर के जरिए फोन 30 मिनट में 1-40 प्रतिशत और करीब 1 घंटे 17 मिनट में 1-100 प्रतिशत तक चार्ज हुआ। हमारे HD वीडियो बैटरी लूप टेस्ट में T2 5G ने 20 घंटे, 52 मिनट तक साथ दिया, जो बहुत अच्छा है।
Vivo T2 5G कैमरा
Vivo T2 5G में पीछे की तरफ डुअल-कैमरा सेटअप मिलता है, जिसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन (OIS) सपोर्ट से लैस 64-मेगापिक्सल प्राइमरी सेंसर और 2-मेगापिक्सल का पोर्ट्रेट लेंस शामिल है। सेल्फी के लिए फोन में 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है। फोन में अल्ट्रा-वाइड कैमरा नहीं है।
प्राइमरी कैमरे से शुरुआत करे, तो इसकी डेलाइट परफॉर्मेंस काफी अच्छी है। तस्वीरों में एक्सपोजर और कलर सटीक थे और डिटेल्स भी भरपूर थी। HDR ने भी अपना काम बखूबी निभाया और पीछे से आ रही डायरेक्ट लाइट के बाद भी सबजेक्ट और बैकग्राउंड दोनों को अच्छे से एक्सपोज किया और शॉट्स में कलर और डिटेल्स की भी कमी नहीं थी। कैमरा ऐप में एक 64MP मोड भी मिलता है, जो सेंसर के फुल रिजॉल्यूशन में तस्वीरें लेता है। इस मोड में लिए गए शॉट्स में एक्सपोजर और कलर तो सटीक थे, लेकिन फोटो में ज्यादा जूम-इन करने पर डिटेल्स की कमी लगी और नॉइस भी मौजूद थी।
Top to Bottom: Primary Camera
मेन सेंसर की लो-लाइट परफॉर्मेंस भी औसत से ऊपर थी। शॉट्स सही तरह से एक्सपोज थे और कलर भी सटीक थे। वहीं, नाइट मोड तस्वीरों में डिटेल्स और एक्सपोजर को जोड़ने का काम करता है और तस्वीरों को इंस्टाग्राम रेडी बनाता है। नाइट मोड तस्वीरों के गहरे हिस्सों में नॉइस कम करने का काम भी करता है।
Top to Bottom: Primary Camera, Night Mode (Last)
रियर कैमरे के साथ पोर्ट्रेट मोड भी दिन और रात दोनों स्थिति में अच्छा काम करते हैं। शॉट्स में नेचुरल बैकग्राउंड ब्लर मिलता है। हालांकि, कई बार कैमरा सब्जेक्ट के किनारों को भापने में असफल रहा। इसके अलावा, पोट्रेट मोड में कुछ शॉट्स में मैने धुंध जैसा इफेक्ट पाया, लेकिन ऐसा 10 में से एक बार हुआ। सेल्फी कैमरा से पोर्ट्रेट मोड में ली गई तस्वीरों में स्किन टोन सटीक थे। हालांकि, डिफॉल्ट सेटिंग्स पर कैमरा स्किन को थोड़ा स्मूथ कर देता है, जिसे आप ब्यूटी मोड सेटिंग्स से एडजस्ट कर सकते हैं। फ्रंट कैमरे के साथ भी कई बार पोर्ट्रेट मोड में एज डिटेक्शन सटीक नहीं था।
Vivo T2 5G का रियर मेन कैमरा सेंसर 60fps पर 1080p (FHD) रिजॉल्यूशन तक वीडियो रिकॉर्ड कर सकता है। निश्चित तौर पर ज्यादातर प्रतियोगी, यहां तक की T2 5G का भाई iQOO Z7 5G भी 4K वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट करते हैं। OIS के बिना वीडियो काफी अस्थिर था, लेकिन OIS ऑन करने से क्रॉपिंग के साथ वीडियो स्थिर थे। बेहतर डायनामिक रेंज और कलर के साथ वीडियो रिजल्ट अच्छे थे। फ्रंट कैमरा 30fps पर 1080p रिजॉल्यूशन के साथ वीडियो रिकॉर्ड कर सकता है, जिसने मुझे अच्छी क्वालिटी के रिजल्ट निकाल कर दिए।
क्या आपको Vivo T2 5G को खरीदना चाहिए?
बेस वेरिएंट के लिए 20,000 रुपये से कम कीमत, Vivo T2 5G को अपने सेगमेंट में अच्छा प्रतियोगी बनाती है। स्मार्टफोन कई हिस्सों में परफॉर्मेंस से ज्यादा समझौता नहीं करता है। इस बजट में अल्ट्रा ब्राइट AMOLED डिस्प्ले, 3.5mm ईयरफोन पोर्ट, लंबा बैटरी बैकअप और फास्ट चार्जिंग T2 5G को कंटेंट स्ट्रीम करने वालों के लिए आदर्श स्मार्टफोन बनाते हैं। इतना ही नहीं, ग्राफिक्स इंटेंसिव गेम्स खेलने वाले कैजुअल गेमर्स को भी डिवाइस निराश नहीं करेगा। रियर कैमरा सेटअप का डे-लाइट परफॉर्मेंस अच्छा है और ये आपको रात के समय भी कुछ अच्छे शॉट्स निकालकर दे सकता है। सेल्फी कैमरा भी अच्छी रोशनी में सीधा इंस्टाग्राम पर अपलोड होने लायक सेल्फी दे सकता है। हालांकि मुझे सेटअप में एक अल्ट्रा-वाइड कैमरा की कमी खली।
स्टीरियो स्पीकर की कमी Vivo T2 5G को प्रतियोगिता से एक कदम पीछे जरूर करती है। हालांकि, कीमत के लिहाज से इसे डील ब्रेकर नहीं कह सकते। वहीं, अगर आप FuntouchOS से पहले से वाकिफ हैं, तो आपको सॉफ्टवेयर के साथ कोई समस्या महसूस नहीं होगी। कुल मिलाकर, Vivo T2 5G निश्चित रूप से इस प्राइस रेंज में खरीद के लिए एक अच्छा ऑप्शन है।
अपडेट: रिव्यू के मूल वर्जन में कहा गया था कि Vivo T2 5G के पास कोई IP रेटिंग नहीं है, क्योंकि रिव्यू पब्लिश करते समय इसे कहीं भी (ब्रांड साइट, प्रेस मटेरियल, आदि) सूचित नहीं किया गया था। हमारी रेटिंग्स में भी इसे Con बताया गया था। वीवो ने अब हमें ईमेल के जरिए बताया है कि फोन को IP54 रेटिंग मिली है। इसलिए रिव्यू को अपडेट किया गया है।