ऑफिशियल सर्विस सेंटर ने फोन रिपेयर के लिए 16,000 मांगे, AI की मदद से 1,450 में ठीक हुआ।
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एक स्मार्टफोन यूजर का एक्सपीरिएंस सोशल मीडिया पर चर्चा में है, जिसमें स्मार्टफोन रिपेयर को लेकर ऑफिशियल सर्विस सेंटर्स के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े हो गए हैं। यूजर का दावा है कि जहां Samsung के ऑफिशियल सर्विस सेंटर ने फोन ठीक करने के लिए करीब 16,000 रुपये का अनुमान दिया, वहीं Google Gemini की मदद से वही फोन सिर्फ 1,450 रुपये में ठीक हो गया। यह मामला दिखाता है कि कई बार ऐसा जरूरी नहीं होता कि रिपेयर के लिए मांगे गए पैसे वाजिफ हो या उस रिपेयर की असल में जरूरत हो।
X पर आशुतोष श्रीवास्तव (@ai_for_success) द्वारा शेयर किए गए पोस्ट के मुताबिक, यूजर का पुराना Samsung Galaxy A52s कुछ दिन पहले गिर गया था। इसके बाद फोन की स्क्रीन कभी-कभी ब्लैक हो जाती थी, माइक्रोफोन और ऑक्स जैक ने काम करना बंद कर दिया था, जबकि चार्जिंग सही चल रही थी। फोन को उसी दुकान पर ले जाया गया, जहां से इसे खरीदा गया था और वहां से Samsung के ऑफिशियल सर्विस सेंटर भेज दिया गया।
सर्विस सेंटर ने जांच के बाद बताया कि फोन का मदरबोर्ड फेल हो चुका है और इसे रिपेयर नहीं किया जा सकता, इसलिए पूरा मदरबोर्ड बदलना पड़ेगा, जिसकी कीमत करीब 16,000 रुपये बताई गई।
यूजर का कहना है कि उसे यह बात सही नहीं लगी, क्योंकि फोन आंशिक रूप से काम कर रहा था। इसके बाद उन्होंने Google Gemini से सलाह ली। Gemini के मुताबिक, यह मदरबोर्ड फेल होने का मामला नहीं था, बल्कि गिरने की वजह से फ्लेक्स केबल या डिस्प्ले कनेक्टर ढीला या डैमेज हो सकता था। AI ने यह भी सुझाव दिया कि किसी लोकल रिपेयर शॉप से सेकेंड ओपिनियन लिया जाए और इसकी लागत 500 से 1,500 रुपये के बीच होनी चाहिए।
इसके बाद यूजर ने अपने घर के पास मौजूद एक लोकल मोबाइल रिपेयर शॉप में फोन दिखाया और टेक्नीशियन से खास तौर पर फ्लेक्स केबल और डिस्प्ले कनेक्टर चेक करने को कहा। जांच करने पर वही समस्या सामने आई, जिसकी ओर Gemini ने इशारा किया था। फोन गिरने से मेन फ्लेक्स केबल डैमेज हो गई थी, जिसे बदल दिया गया।
रिपेयर के बाद फोन पूरी तरह सही तरीके से काम करने लगा और पूरे रिपेयर की लागत 1,450 रुपये आई, जिसमें सर्विस चार्ज भी शामिल था। यूजर का कहना है कि अगर वह ऑफिशियल सर्विस सेंटर की बात मान लेते, तो उन्हें बिना जरूरत 16,000 रुपये खर्च करने पड़ते।
आमतौर पर ब्रांड्स यही सलाह देते हैं कि किसी भी डिवाइस को ऑफिशियल सर्विस सेंटर पर ही रिपेयर कराया जाए। कई मामलों में यह भी कहा जाता है कि बाहरी रिपेयर से वारंटी पर असर पड़ सकता है। ऐसे में यह अनुभव एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या हर बार महंगा रिप्लेसमेंट ही एकमात्र समाधान होता है या फिर कुछ मामलों में बेहतर डायग्नोसिस और सेकेंड ओपिनियन से अनावश्यक खर्च से बचा जा सकता है। यह मामला दिखाता है कि यूजर्स के लिए जागरूक होना और रिपेयर से पहले पूरी जानकारी लेना कितना जरूरी हो गया है।
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