सैमसंग ने सोमवार को अपने गैलेक्सी जे5 (2016) और गैलेक्सी जे7 (2016) फोन से
पर्दा उठा लिया।
सैमसंग गैलेक्सी जे5 (2016) को 13,990 रुपये में खरीदा जा सकता है और
सैमसंग गैलेक्सी जे7 (2016) को 15,990 रुपये में। दोनों ही हैंडसेट ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट पर मिलेंगे। याद रहे कि दोनों ही स्मार्टफोन पिछले साल लॉन्च किए गए गैलेक्सी जे7 और गैलेक्सी जे5 के अपग्रेडेड वेरिएंट हैं। ऐसे में सैमसंग को उम्मीद है कि वह पिछले वेरिएंट की लोकप्रियता को नए डिवाइस के जरिए भुनाने में कामयाब रहेगी।
(सैमसंग गैलेक्सी जे5 (2016) की तस्वीरें) ऐसा संभव है, आइए जानते हैं इसकी वजह...कीमतसैमसंग ने दक्षिण कोरिया में गैलेक्सी जे5 (2016) को 290,000 कोरियन रिपब्लिक वॉन (करीब 16,900 रुपये) में
लॉन्च किया था और सैमसंग गैलेक्सी जे7 (2016) को 363,000 कोरियन वॉन (करीब 21,157 रुपये) में।
भारत में भी बिल्कुल एक जैसे स्पेसिफिकेशन वाले डिवाइस पेश किए गए हैं। अब कीमत की तुलना करें तो सैमसंग ने सबको चौंकाने का काम किया है। भारत में इन हैंडसेट के दाम दक्षिण कोरिया की तुलना में बहुत कम है।
डिस्प्लेसैमसंग गैलेक्सी जे5 (2016) में 5.2 इंच का और सैमसंग गैलेक्सी जे7 (2016) में 5.5 इंच का सुपर एमोलेड डिस्प्ले है। दोनों ही हैंडसेट के डिस्प्ले एचडी रिज़ॉल्यूशन वाले हैं। यूज़र को यह फ़ीचर खासा पसंद आएगा।
एस बाइक मोडसैमसंग ने बाइक राइडर को ध्यान में रखते हुए गैलेक्सी जे3 (6) में एस बाइक मोड फ़ीचर दिया था। कंपनी ने इस फ़ीचर को इन दोनों हैंडसेट का भी हिस्सा बनाया है। इसका मकसद यूज़र का बाइक चलाते वक्त फोन की टेंशन से मुक्ति दिलाना है। सैमसंग ने इस हैंडसेट के साथ एक एनएफसी स्टिकर दिया है जिसे आप अपनी बाइक के पेट्रोल टंकी पर चिपका सकते हैं। एस बाइक मोड टॉगल एक्टिवेट करने के साथ ही आपके लिए सुरक्षित सफर शुरू हो जाएगा। यह मोड एक्टिवेट रहने के दौरान आपको किसी भी फोन कॉल का नोटिफिकेशन नहीं मिलेगा। स्मार्ट रिप्लाई फ़ीचर की मदद से 14 भाषाओं में रिकॉर्डेड मैसेज के जरिए फोन करने वाले शख्स को अपने आप जवाब भी मिलता रहेगा।
सैमसंग गैलेक्सी जे7 (2016) की तस्वीरें यूएडीएस (अल्ट्रा डेटा सेविंग)सैमसंग अपने इस फ़ीचर को भी बढ़ा चढ़ाकर पेश करती रही है। इसे सैमसंग गैलेक्सी जे5 (2016) और गैलेक्सी जे7 (2016) का हिस्सा बनाया गया है। कंपनी का कहना है कि इस मोड को एक्टिव रखने पर यूज़र ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट एक्सेस करने के बावजूद 50 फीसदी तक कम इंटरनेट की खपत करते हैं।