एंड्रॉयड मालवेयर हमिंगबैड ने दुनियाभर के 1 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन को प्रभावित कर दिया है। यह दावा सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट ने किया है। याद रहे कि हमिंगबैड मालवेयर के बारे में सबसे पहले जानकारी फरवरी में सामने आई थी। सिक्योरिटी फर्म ने बताया है कि इस मालवेयर ने भारत और चीन में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन प्रभावित किए हैं।
चेक प्वाइंट ने बताया है कि इस मालवेयर को चीन की मोबाइल एड सर्वर कंपनी यिंगमॉब के डेवलपर्स द्वारा बनाया गया है। कंपनी की कई टीम ट्रैकिंग और ऐड प्लेटफॉर्म पर काम करती है। हालांकि, कंपनी के अंदर एक ग्रुप ऐसा भी है जिसने इस खतरनाक सॉफ्टवेयर को बनाया है।
चेकप्वाइंट ने दावा किया कि हमिंगबैड को ओवरसीज प्लेटफॉर्म की डेवलपमेंट टीम द्वारा बनाया गया है। इस ग्रुप में करीब 25 डेवलपर काम करते हैं।
हमिंगबैड, डिवाइस का रूट एक्सेस हासिल कर लेता है। इसका मकसद धोखे से विज्ञापन दिखाकर राजस्व जुटाना होता है। मकसद पूरा करने के लिए स्मार्टफोन पर बेहद ही खतरनाक ऐप इंस्टॉल किए जाते हैं। चेकप्वाइंट ने दावा किया है कि यिंगमॉब इस खतरनाक मालवेयर के जरिए हर महीने करीब 300,000 डॉलर (करीब 20,257,000 रुपये) कमाती है।
इस मालवेयर की पहुंच अब 20 देशों में है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले यूज़र भारत और चीन के हैं। चेक प्वाइंट ने बताया है कि भारत में करीब 13.5 लाख स्मार्टफोन हमिंगबैड मालवेयर से ग्रसित हैं, जबकि चीन में सबसे ज्यादा करीब 16 लाख स्मार्टफोन प्रभावित हैं। मज़ेदार बात यह है कि इस मालवेयर से पुराने एंड्रॉयड वर्ज़न पर चलने वाले हैंडसेट ज्यादा प्रभावित हैं। प्रभावित डिवाइस में से 50 फीसदी हैंडसेट एंड्रॉयड किटकैट पर चलते हैं और 40 फीसदी एंड्रॉयड जेलीबीन पर।
गूगल ने इस खतरे को माना है और पुष्टि की कि वह इससे अवगत है। गूगल के एक प्रवक्ता ने
सीनेट को बताया, "कंपनी लंबे से इस किस्म के मालवेयर से अवगत है। हम लगातार इसकी पहचान करने वाले सिस्टम को बेहतर बना रहे हैं। हम लगातार खतरनाक ऐप्स को इंस्टॉल करने से रोकते हैं ताकि यूज़र और उनकी जानकारियों को सुरक्षित रखा जा सके।"
चेक प्वाइंट के मुताबिक, हमिंगबैड हर दिन करीब 50,000 खतरनाक ऐप इंस्टॉल करता है। ये ऐप हर दिन 20 मिलियन से ज्यादा विज्ञापन डिस्प्ले करते हैं, जिसकी मदद से हर दिन गैर-कानूनी तरीके से 25 लाख क्लिक हासिल किए जाते हैं। इस मालवेयर की मदद से यिंगमॉब कंपनी हर दिन 10 हज़ार डॉलर कमाती है और साथ में 1 करोड़ एंड्रॉयड स्मार्टफोन और उनमें स्टोर किए गए संवेदशनसील डेटा को खतरे में डाल देती है।
अगर आप एंड्रॉयड स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं और लगातार ही ज़रूरत से ज्यादा विज्ञापन का सामना कर रहे हैं तो संभव है कि आपका फोन हमिंगबैड मालवेयर से ग्रसित है। इस मालवेयर को डिटेक्ट करने के लिए आपको सिक्योरिटी ऐप इंस्टॉल करना होगा।
अगर आपके फोन पर हमिंगबैड मालयवेयर मौजूद है तो चेक प्वाइंट के डैन वाइली के मुताबिक आपको
उसे फैक्ट्री रीसेट करना होगा। इसका मतलब है कि आप अपने सारे डेटा, ऐप्स और स्टोर किए हुए पासवर्ड खो देंगे। हमारा सुझाव होगा कि रीसेट करने से पहले आप अपने
डेटा, कॉन्टेक्ट और अन्य ज़रूरी डॉक्यूमेंट का बैकअप बना लें। आगे से ध्यान रखें कि किसी भी स्टोर से ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी जांच अच्छे से कर लें।