असूस उन स्मार्टफोन निर्माताओं में से एक है जो हर ग्राहक की जरूरत को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग सेगमेंट में प्रोडक्ट बनाती है। कंपनी ने
असूस ज़ेनफोन गो से लेकर
असूस ज़ेनफोन 3 अल्ट्रा (
रिव्यू) जैसे प्रोडक्ट के साथ पूरे बाज़ार को कवर किया है। कंपनी के पास हर सेगमेंट के ग्राहक के लिए प्रोडक्ट हैं। उदाहरण के लिए ज़ेनफोन मैक्स सीरीज़ बैटरी, ज़ेनफोन लेज़र सीरीज़ कैमरा को ध्यान में रखकर बनाई गई है। हाल ही में लॉन्च हुए
Asus ZenFone Live का रिव्यू के साथ कंपनी का दावा है कि नई सीरीज़ का उद्देश्य आपको सोशल मीडिया पर ज़्यादा बेहतर दिखाना है।
कई दूसरे निर्माताओं के फोन भी ब्यूटिफिकेशन मोड के साथ आते हैं। हालांकि, ये मोड सिर्फ तस्वीरों के लिए ही होते हैं। ज़ेनफोन लाइव के बारे में दावा है कि इससे लाइव वीडियो में आर्टिफिशियल ब्यूटी एनहेंसमेंट फ़ीचर मिलेगा। असूस ज़ेनफोन लाइव क्या आपको ऑनलाइन बेहतर दिखने में मदद करता है? फोन की ओवरऑल परफॉर्मेंस के बारे में जानें।
असूस ज़ेनफोन लाइव डिज़ाइनअसूस को एक ख़ास सीरीज़ में एक जैसे डिज़ाइन वाले फोन पेश करने के लिए जाना जाता है। ज़ेनफोन लाइव को नए लुक में पेश करने की जगह, कंपनी ने इसे ज़ेनफोन 3 सीरीज़ वाले डिज़ाइन के साथ लॉन्च किया है। ज़ेनफोन लाइव रोज़ पिंक, ब्लैक और गोल्ड कलर वेरिएंट में उपलब्ध है। फोन के घुमावदार किनारे और एज के चलते इसे पकड़ना आसान रहता है। 120 ग्राम के वज़न के साथ हमें फोन हल्का महसूस हुआ। असूस ने फोन के लिए प्लास्टिक जैसे प्राइमरी मटेरियल का इस्तेमाल किया है और यह प्रीमियम महसूस नहीं होता।
Asus ZenFone Live में 2.5डी ग्लास के साथ 5 इंच डिस्प्ले है। फोन में डिस्प्ले के ऊपर एक फ्रंट कैमरा, सेल्फी फ्लैश, प्रॉक्सिमिटी सेंसर और मेटल मेश ईयरपीस है। असूस ने ऑनस्क्रीन नेविगेशन बटन की जगह कैपेसिटिव टच बटन दिए हैं। लेकिन, इन बटन का बैकलिट ना होना निराश करता है औ अंधेरे में फोन को इस्तेमाल करना मुश्किल होता है।
ज़ेनफोन लाइव में दांयीं तरफ़ वॉल्यूम और पावर/लॉक बटन हैं और टेक्स्चर फिनिश है। अलग टेक्स्चर के चलते इन दोनों बटन में फर्क करना आसान होता है। बांयीं तरफ एक हाइब्रिड सिम ट्रे है जिसे दो नैनो सिम कार्ड या एक नैनो सिम कार्ड और एक माइक्रोएसडी कार्ड के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
असूस ज़ेनफोन लाइव में एक माइक्रो-यूएसबी पोर्ट, एक सिंगल स्पीकर ग्रिल और नीचे की तरफ़ एक माइक्रोफोन पोर्ट व 3.5 एमएम ऑडियो जैक है। जबकि ऊपर की तरफ़ एक सेकेंडरी माइक्रोफोन है। फोन में रियर पर एक 13 मेगापिक्स्ल का कैमरा है जो एलईडी फ्लैश के साथ आता है। रियर पर बीच में एक मैटेलिक असूस लोगो है। ज़ेनफोन लाइव में फिंगरप्रिंट सेंसर नहीं है और यह निराश करता है।
असूस ज़ेनफोन लाइव स्पेसिफिकेशनअसूस ने अपनी वेबसाइट पर ज़ेनफोन लाइव के प्रोसेसर की विस्तृत जानकारी नहीं देते हुए सीधे क्वालकॉम स्नैपड्रैगन क्वाड कोर प्रोसेसर का जिक्र किया है। अधिकतर लोग स्नैपड्रैगन 425 या पुराने स्नैपड्रैगन 410 प्रोसेसर होने का अनुमान लगाएंगे। लेकिन असूस ने स्नैपड्रैगन 400 का चुनाव किया है। 2017 में लॉन्च हुए एक फोन में 2013 का प्रोसेसर दिया गया है। प्रोसेसर 1.5 गीगाहर्ट्ज़ पर चलता है और 2 जीबी रैम दिए गए हैं।
ज़ेनफोन लाइव में 16 जीबी की इनबिल्ट स्टोरेज है जिसमें से 10 जीबी ही यूज़र के काम की है। स्टोरेज को माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए 256 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। बैटरी नॉन-रिमूवेबल है और 2650 एमएएच की है। असूस, फोन के साथ एक सिम इजेक्टर टूल, एक यूएसबी केबल और एक 5.2 वाट का चार्जर बॉक्स में साथ देती है।
असूस ज़ेनफोन लाइव कैमरा परफॉर्मेंसज़ेनफोन लाइव में एक सेल्फी फ्लैश के साथ 15 मेगापिक्ससल का फ्रंट कैमरा है। वहीं सिंगल एलईडी फ्लैश के साथ 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है। कैमरा ऐप को इस्तेमाल करना आसान है और कई सारे मोड का विकल्प भी मिलता है।
हमारे इस्तेमाल के दौरान, फोन से दिन की रोशनी में तेजी से फोकस होता है। जबकि मैक्रो शॉट क्लिक करते समय फोन से फोकस होने में थोड़ा समय लगा। तस्वीरें ठीकठाक आती हैं और सोशल मीडिया पर साझा करने के योग्य हैं।
कम रोशनी में, कैमरा फोकस करने में वक्त लगाता है और तस्वीरों की क्वालिटी भी अच्छी नहीं रहती। कैमरे में लो-लाइट मोड पर स्विच करने का विकल्प मिलता है जिससे आईएसओ बढ़ा और शटर स्पीड कम करत सकते हैं। इसके अलावा, इस मोड में तस्वीर का रिज़ॉल्यूशन 3 मेगापिक्सल पर ही सीमित रहता है।
वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए, कैमरा अधिकतम 1080 पिक्सल सपोर्ट करता है। लेकिन कैमरा लगातार ऑटोफोकस नहीं करता और इसके लिए रिकॉर्डिंग के दौरान आपको टैप करना होगा। सॉफ्वेयर के जरिए होने वाली वीडियो स्टेबिलाइज़ेशन उपल्ध है लेकिन इसे इनेबल करने के लिए रिज़ॉल्यूशन को 720 पिक्सल तक कम करना होगा। वीडियो रिकॉर्ड करते समय ब्यूटिफिकेशन मोड भी उपलब्ध रहता है लेकिन इसमें बहुत कम ब्यूटिफिकेशन विकल्प दिए गए हैं। इसके अलावा हमने नोटिस किया कि ब्यूटिफिकेशन मोड स्विच ऑन करने पर वीडियो रिकॉर्ड करते समय थोड़ी समस्या भी आती है।
ज़ेनफोन लाइव में दिया गया 1.4 माइक्रोन पिक्सल्स और एक सेल्फी फ्लैश के सपोर्ट के साथ 5 मेगापिक्सल के सेल्फी कैमरे से कम रोशनी में अच्छी तस्वीरें लेने में मदद मिलेगी। ब्यूटिफिकेशन मोड डिफॉल्ट तौर पर ऑन रहता है और इसमें कई तरह के बदलाव करने के विकल्प मिलते हैं। ब्यूटिफिकेशन इनेबल होने पर फोन से तस्वीरें प्रोसेस होने में देर लगती है। सेल्फी कैमरे से 720 पिक्सल तक वीडियो रिकॉर्डिंग की जा सकती है। और यहां भी ब्यूटिफिकेशन मोड का इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने पाया कि इस मोड के साथ शूटिंग करते समय डिवाइस में समस्या आती है। फोन में वीडियो रिकॉर्ड करते समय, फिल्टर अप्लाई करते वक्त और स्क्रीन पर डिस्प्ले आउटपुट में समस्या आती है।
लाइव ब्यूटिफिकेशन फ़ीचर अपने उसी तरह काम करता है जैसा कि इसका प्रचार किया गया है। ज़ेनफोन लाइव अभी फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर स्ट्रीमिंग के लिए लाइव ब्यूटिफिकेशन सपोर्ट करता है। इस मोड में ज़ीरो से 10 तक एक डायल दिखाता है जिससे आप अपनी जरूरत के मुताबिक, ब्यूटिफिकेशन लेवेल को एडजस्ट कर सकते हैं। लाइव ब्यूटिफिकेशन फ्रंट व रियर दोनों कैमरों के लिए काम करता है और हमने देखा कि अप्लाई किए गए फिल्टर बेहद अच्छे नहीं हैं। इंस्टाग्राम पर टेस्टिंग के दौरान इस फ़ीचर ने अच्छे से काम किया।
असूस ज़ेनफोन लाइव परफॉर्मेंसफोन में जब हमने स्नैपड्रैगन 400 प्रोसेसर देखा तो हमें बहुत ज़्यादा निराशा हुई। इस प्रोसेसर को सबसे पहले मोटो जी (रिव्यू) में दिया गया था। और एंड्रॉयड वियरेबल डिवाइस में भी यही प्रोसेसर दिया गया था। पुराने प्रोसेसर को चुनना थोड़ा अजीब है और यह एक बड़ी गलती हो सकती है।
शुरुआत से ही यह पता लग गया था कि ज़ेनफोन लाइव में एक पुराना प्रोसेसर दिया गया है। ऐप लोड होने और गेम खेलने में लंबा समय लगता है और 2 जीबी रैम होने से भी मदद नहीं मिलती। ज़ेनफोन लाइव का रैम मैनेजमेंट इतना ज़्यादा एक्टिव है कि बार-बार ऐप रीलॉन्च होते हैं। और ऐप के बार-बार लोड होने में लगने वाले समय के कारण गुस्सा आ जाता है।
पुराने एंड्रॉयड मार्शमैलो के ऊपर ज़ेनयूआई स्किन है, लेकिन स्टॉक एंड्रॉयड की तरह फोन को इस्तेमाल करना और चलाना आसान रहता है। असूस ने फटाफट टॉगल के लिए एक हल्की थीम और बड़े आइकन का चुनाव किया है जिससे इन्हें इस्तेमाल करना आसान रहता है। जेस्चर से भी ऐप लॉन्च किए जा सकते हैं और डिस्प्ले पर डबल टैप करके डिस्प्ले को ऑन व ऑफ कर सकते हैं। असूस ने फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ कई सारे ऐप पहले से इंस्टॉल किए हैं, जो हर किसी के काम नहीं आएंगे।
हमने फोन में क्लैश रोयाल, ब्रेकनेक, वारहैमर 40के और एसफाल्ट 8 एयरबोर्न जैसे गेम खेले। ब्रेकनेक और एसफाल्ट 8 एयरबोर्न को लोड होने में समय लगा। ब्रेकनेक खेलते समय फोन इतना ज़्यादा धीमा हो जाता है कि हमें नोटिफिकेशन शेड को देखने में भी दिक्कत हुई।
असूस ज़ेनफोन लाइव में सभी गेम चले लेकिन बैटरी तेजी से खत्मम होती है। 2650 एमेएच की बैटरी बहुत ज़्यादा नहीं चलेगी। असूस ने ज़ेनफोन लाइन में दोनों सिम स्लॉट पर 4जी और वीओएलटीई सपोर्ट देने का भरोसा दिलाया है लेकिन एक बार में एक सिम पर ही 4जी चलता है जबकि दूसरा 2जी कनेक्टिविटी तक सीमित है।
हमारा फैसलाअसूस ज़ेनफोन लाइव का दावा हैर कि यह सोशल मीडिया के लिए पहला लाइव ब्यूटिफिकेशन मोड है। फोन में जहां कुछ ख़ूबियां है वहीं कई कमियां भी हैं। ज़ेनफोन लाइव में एक पुराने प्रोसेसर को दिया जाना एक बड़ा सवाल है और फिंगरप्रिंट सेंसर का ना होना भी निराश करता है।
असूस ने एक अच्छा फ़ीचर पेश किया है और अच्छे हार्डवेयर के साथ यह बेहतर काम करेगा। यह देखना मज़ेदार होगा कि यह फ़ीचर दूसरे असूस स्मार्टफोन में आता है या नहीं। ज़ेनफोन लाइव में प्रोसेसर एकमात्र एक ऐसा कंपोनेंट है जो फोन की ओवरऑल परफॉर्मेंस को खराब करता है। 9,999 रुपये की कीमत में, ज़ेनफोन लाइव को खरीदने की सलाह देने बेहद मुश्किल है, ख़ासतौर पर तब जबकि
रेडमी 4 (
रिव्यू) और
मोटो जी5 जैसे स्मार्टफोन पैसे के लिहाज़ से बेहतरीन ओवरऑल पैकेज ऑफर करते हों।