Apple और Samsung के फोन को पहले बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता आदि में सबसे ज्यादा खरीदा जाता था, लेकिन अब ट्रेंड बदल रहा है और छोटे शहरों में इनकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। छोटे शहर अब Apple के लिए बड़े मार्केट बनते जा रहे हैं। Apple और Samsung समेत अन्य कंपनियों द्वारा प्रीमियम फोन पर डिस्काउंट की पेशकश करने से छोटे छोटे कस्बों और शहरों में बिक्री बढ़ी है, जो इस फेस्टिव सीजन में अब तक प्रमुख महानगरों से भी आगे निकल गई है। काउंटरप्वाइंट ने कहा कि ऑनलाइन रिटेलर्स द्वारा सेल में 30 हजार से ज्यादा कीमत वाले प्रीमियम स्मार्टफोन की बिक्री में टियर-II शहरों और कम की बिक्री 70-80% तक पहुंच गई, जो आमतौर पर लगभग 50-60% होती है।
ईटी की रिपोर्ट के
अनुसार, Apple के अधिकतर आईफोन की बिक्री करीब 60 प्रतिशत तक टियर-II शहरों से हो रही है। इससे पहले टियर-1 शहरों से 65-70 प्रतिशत तक एप्पल की बिक्री होती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में काफी बदलाव हुआ है। कोविड-19 महामारी के बाद से हजारों लोग अपने होमटाउन में शिफ्ट हुए हैं, जिसके चलते उन्हें वर्क फ्रॉम होम सेटअप के लिए एक अच्छे स्मार्टफोन की जरूरत पड़ी।
बिक्री में बदलाव के बारे में बात करते हुए काउंटरप्वाइंट रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट नील शाह ने ईटी को बताया कि "महामारी से पहले एप्पल का फोकस प्रीमियम रिसेलर्स और बड़े रीजनल डिस्ट्रीब्यूटर्स के जरिए टियर 1 शहरों और ज्यादा से ज्यादा टियर-II शहरों तक ही सीमित था, क्योंकि वहां से ज्यादा डिमांड आती थी। यह कुल बिक्री का करीब 65-70 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा था।"
Apple की चैनल स्ट्रैटजी में बदलाव
Apple ने अपनी बिक्री को बढ़ाने के लिए 2019 में अपनी चैनल स्ट्रैटजी में बदलाव किया और ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स के साथ-साथ Croma और Reliance Digital स्टोर्स जैसे बड़े रिटेलर्स पर अपना फोकस किया। इससे भारतीय यूजर्स के खरीदारी के तरीके में बदलाव हुआ, क्योंकि वे ऑनलाइन महंगे प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए तैयार हुए। इसके अलावा Apple ने अपने आईफोन के लिए नो-कॉस्ट ईएमआई के ऑप्शन भी प्रदान किया। सेल्स के बड़े नेटवर्क के साथ Apple प्रोडक्ट कई क्षेत्रों में रहने वाले ज्यादा ग्राहकों तक पहुंच सके।