iphone बनाने वाली Apple दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों में शामिल है। हाल ही में इसने
iphone 16 सीरीज को लॉन्च किया है, जिसके
शुरुआती दाम भारत में करीब 80 हजार रुपये हैं। नए आईफोन्स की प्राइसिंग से भारतीय यूजर्स खुश नजर आ रहे हैं। इसका श्रेय ऐपल के साथ-साथ भारत सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इसेंटिव (PLI) स्कीम को भी दिया जाना चाहिए। मोदी सरकार ने इस स्कीम को शुरू किया है, जिसका असर अब दिखाई देने लगा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के पहले पांच महीनों के अंदर भारत से ऐपल आईफोन का निर्यात बढ़कर 5 बिलियन डॉलर (लगभग 41,985 करोड़ रुपये) हो गया है। यह पिछले साल इस टाइम की तुलना में 54 फीसदी ज्यादा है।
एक
रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपोर्ट में इस बढ़ोतरी की वजह iPhone 16 Pro और iPhone Max का भारत में प्रोडक्शन शुरू होना है। अभी तक आईफोन का बेसिक और प्लस मॉडल भारत में असेंबल हो रहा था। अब कहा जा रहा है कि iPhone 16 Pro और iPhone Max का निर्माण भी देश में होने लगा है।
वित्त वर्ष 2025 के पहले पांच महीनों में भारत से जितने आईफोन एक्सपोर्ट हुए हैं, उतने वित्त वर्ष 22 में पूरे साल हुए थे। इससे पता चलता है कि कुछ ही वक्त में देश में आईफोन का प्रोडक्शन तेजी से बढ़ा है।
भारत में ऐपल आईफोन बनाने वाले प्रमुख वेंडरों में फॉक्सकॉन (Foxconn), पेगाट्रॉन (Pegatron) और विस्ट्रॉन (Wistron) शामिल हैं। विस्ट्रॉन अब टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के हाथ में है। सभी कंपनियां पीएलआई स्कीम से जुड़कर देश में आईफोन का प्रोडक्शन कर रही हैं। इन कंपनियों का मकसद मिलकर इस वित्त वर्ष में 8.9 बिलियन डॉलर यानी करीब 75 हजार करोड़ रुपये के आईफोन का एक्सपोर्ट करना है।
रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर से मार्च के बीच घरेलू मार्केट में भी आईफोन की बिक्री तेज हो सकती है। इसकी वजह त्योहारी सीजन को माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि आईफोन के प्रो और प्रो मैक्स मॉडलों का प्रोडक्शन अभी फॉक्सकॉन ने शुरू किया है। ये आईफोन के महंगे मॉडल हैं। नवंबर के बाद भारत से आईफोन्स की एक्सपोर्ट वैल्यू और बढ़ सकती है।