सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए भारत का बड़ा प्लान, IT मंत्री ने बताया ब्लू प्रिंट

केंद्र सरकार ने भारत में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स के लिए स्वीकृति दी है।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 2 मार्च 2024 12:38 IST
ख़ास बातें
  • पूरी प्रक्रिया में चार मुख्य कंपोनेंट शामिल होंगे।
  • देश की 104 यूनिवर्सिटी रिसर्च में भाग लेंगी।
  • पिछले कुछ सालों से सेमीकंडक्टर्स की डिमांड तेजी से बढ़ी है।

भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। मेक इन इंडिया विजन के तहत देश में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए भारत का पूरा प्लान तैयार है। इसकी जानकारी हाल ही में आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने दी। मंत्री ने लाइव डेमो देकर बताया कि कैसे आईटी मंत्रालय भारत में सर्व-समावेशी सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए काम कर रहा है, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया विजन के तहत तैयार किया जाएगा। 

आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव का एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें वे बता रहे हैं कि भारत में एक व्यापक सेमीकंडक्टर सेटअप कैसे तैयार किया जाएगा। यह वीडियो 4 मिनट लंबा है। इसमें मंत्री समझा रहे हैं कि सरकार किस फॉर्मूले पर काम कर रही है। इसमें हजारों प्रतिभाशाली लोग शामिल होंगे, एक रिसर्च सिस्टम होगा जिसमें देश की सैकड़ों यूनिवर्सिटी शामिल होंगी। दरअसल केबिनेट ने भारत में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स को मंजूरी दी है। इसके बाद आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव मीडिया से रूबरू हुए जिसके दौरान उन्होंने एक व्हाइटबोर्ड पर पूरे प्लान का ब्लू प्रिंट समझाया। उन्होंने इस दौरान योजना के हरेक स्टेप के बारे में डिटेल में बताया। 

इस पूरी प्रक्रिया में चार मुख्य कंपोनेंट शामिल होंगे जिसमें डिजाइन, फेब्रिकेशन, एसेम्बली-टेस्टिंग-मार्किंग-पैकेजिंग, और इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग की बात की गई है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले एक टैलेंट पूल इसके लिए तैयार किया जा रहा है, यानी प्रतिभाशाली लोगों को इसमें जोड़ा जाएगा। उसके बाद दूसरी बड़ी चीज होगी रिसर्च और डेवलेपमेंट। इसके बारे में आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में जो सबसे ज्यादा मुश्किल, और सबसे ज्यादा महंगा टूल है, उसे इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन कहते हैं जो कि Cadence, Synopsys, और Siemens द्वारा सप्लाई किया जाएगा। ये टूल बहुत महंगे हैं। मंत्री ने कहा कि अगर इसे खरीदने जाओ तो इसके लिए लाइसेंस 10 से 15 करोड़ रुपये में मिलता है। इसलिए कंपनियों से बात की गई है, उनके ईडीए टूल लिए गए हैं और देश की 104 यूनिवर्सिटी में पहुंचाए गए हैं।  

केंद्र सरकार ने बीते दिन भारत में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स के लिए स्वीकृति दी है। पिछले कुछ सालों से सेमीकंडक्टर्स की डिमांड तेजी से बढ़ी है। इसकी मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों की संख्या कम होने से डिमांड को पूरा करने में मुश्किल हो रही है। देश में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स का कंस्ट्रक्शन जल्द शुरू हो जाएगा। पहली यूनिट टाटा ग्रुप और पावरचिप-ताइवान की होगी। यह गुजरात के धोलेरा में लगेगी। तीनों यूनिट्स में कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट होगा। 
 

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हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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