एक्ट्रेस जूही चावला ने दिल्ली हाईकोर्ट में 5G को क्यों कहा 'ना-जी'!

एक्ट्रेस और पर्यावरणविद् जूही चावला ने देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क की स्थापना को लेकर सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया। देश में 5जी नेटवर्क की रेडिएशन के कारण नागरिकों, जीव-जन्तुओं और वनस्पति पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर मुद्दा उठाया। 

एक्ट्रेस जूही चावला ने दिल्ली हाईकोर्ट में 5G को क्यों कहा 'ना-जी'!

दायर मुकदमे में कहा गया- 5जी की आरएफ रेडिएशन का लेवल मौजूदा रेडिएशन लेवल से 10 से लेकर 100 गुना तक ज्यादा होगा।

ख़ास बातें
  • एक्ट्रेस जूही चावला ने 5जी नेटवर्क के रेडिएशन खतरे को लेकर उठाया मुद्दा
  • दिल्ली हाई कोर्ट में दायर किया गया है मुकदमा
  • एक्ट्रेस ने मनुष्य समेत सभी जीवित प्राणियों के लिए 5जी को बताया खतरा
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एक्ट्रेस जूही चावला ने देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क की स्थापना को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया। इन्होंने देश में 5जी नेटवर्क की रेडिएशन के कारण नागरिकों, जीव-जन्तुओं और वनस्पति पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर मुद्दा उठाया। जस्टिस सी हरिशंकर को इस मुद्दे की सुनवाई करनी थी और उन्होंने इस मुकदमे की सुनवाई 2 जून को करने के लिए एक अन्य बेंच को सौंप दी। एक्ट्रेस जूही चावला ने कहा कि टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री का 5जी प्लान सुविधा को बढ़ाने के लिए लाया गया है मगर इसके दुष्प्रभाव से धरती पर कोई भी व्यक्ति, जानवर, पक्षी, कीट या पौधे इत्यादि नहीं बच सकते हैं। रेडिएशन का यह प्रभाव हर एक प्राणी पर 24 घंटे और 365 दिन बना रहेगा।

5जी की आरएफ रेडिएशन का यह लेवल मौजूदा रेडिएशन लेवल से 10 गुना से लेकर 100 गुना तक ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि यह 5जी प्लान मनुष्य और धरती की पारिस्थितिक प्रणालियों पर अपरिवर्तनीय और विनाशकारी प्रभाव डालेगा जो इस तंत्र को हमेशा के लिए बर्बाद कर देगा।   

एडवोकेट दीपक खोसला के द्वारा दायर मुकदमे में अधिकारियों को बड़े पैमाने पर जनता को प्रमाणित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई। जिसमें यह प्रमाणित करने के लिए कहा गया कि 5G तकनीक मावनता, पुरूष, महिला, व्यस्क, बच्चे, नवजात, जानवरों और हर तरह के जीवित प्राणी व वनस्पति इत्यादि के लिए सुरक्षित है। 

एक्ट्रेस जूही चावला एक लंबे समय से मोबाइल टावरों के से निकलने वाली रेडिएशन को लेकर लोगों को जागरूक करने की मुहिम चलाती आ रही हैं। इस बारे में जूही का कहना है, 'हम तकनीकी एडवांसमेंट को लागू किए जाने के विरोध में नहीं हैं। हमारा मकसद केवल इस तकनीक के उस पहलू की ओर ध्यान खींचना है जो कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। रिसर्च के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि वायरलेस गैजेट्स और मोबाइल नेटवर्क टावरों से निकलने वाली आरएफ रेडिएशन मानव जाति और दूसरे जीवित प्राणियों के लिए कई तरह की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।'

अदाकारा जूही चावला के प्रवक्ता की ओर से दिए गए बयान में यह मांग की गई है कि इससे पहले कि भारत में 5G तकनीक को लागू किया जाए, इस तकनीक के मनुष्यों और पर्यावरण पर पड़ने वाले हर तरह के प्रभाव का बारीकी से अध्य्यन किया जाए और यह साफ किया जाए कि आने वाले समय में यह पर्यावरण और जीवित प्राणियों को कोई नुकसान पहुंचाएगी अथवा नहीं।
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