इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी यानी IIT की साख सिर्फ भारत नहीं, पूरी दुनिया में है। हर साल बड़ी संख्या में यहां से ग्रेजुएट होकर
स्टूडेंट निकलते हैं और दुनिया की बड़ी कंपनियों में मोटी सैलरी पर जॉब पाते हैं। लेकिन क्या यह सिलसिला टूट रहा है। सूचना का अधिकार (RTI) से मिली जानकारी चौंकाने वाली है। आरटीआई के आंकड़े आईआईटी दिल्ली के प्लेसमेंट पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। द हिंदू की
रिपोर्ट के अनुसार, आईआईटी दिल्ली से मिले आंकड़ों से पता चला है कि साल 2019 से 2023 के बीच करीब 22 फीसदी आईआईटियंस की जॉब कॉलेज से नहीं लग पाई।
आईआईटी दिल्ली ने साल 2024 के आंकड़े यह कहकर देने से मना कर दिया कि अभी प्लेसमेंट चल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईआईटी कानपुर के एल्युमिनाई और ग्लोबल आईआईटी एल्युमिनी सपोर्ट ग्रुप के फाउंडर धीरज सिंह ने आरटीआई लगाई थी।
जवाब में उन्हें पता चला कि आईआईटी दिल्ली में बीते 4 साल से एवरेज प्लेसमेंट पैकेज भी लगभग स्थिर है। 2021-2022 में आईआईटी दिल्ली का एवरेज प्लेसमेंट पैकेज 23.8 लाख रुपये था। 2022-23 में इसमें कमी आई और यह 21.9 लाख एनुअल पर आ गया।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2021-22 में आईआईटी के 1105 स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट हुआ। उस साल 366 स्टूडेंट को जॉब नहीं मिल पाई। इसी तरह से 2022-23 में 1513 स्टूडेंट्स ने प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें से 1270 का प्लेसमेंट हुआ और 243 की जॉब नहीं लग पाई।
चिंता यहीं खत्म नहीं होती। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि प्लेसमेंट कम होने के साथ-साथ प्लेसमेंट पैकेज में भी कमी आई है। कई कंपनियां आईआईटी पहुंचकर 10 से 15 लाख रुपये सालाना की जॉब ऑफर कर रही हैं। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन ने एक रिपोर्ट में लिखा है कि अब आईआईटी ग्रेजुएट को 10 लाख से भी कम का पैकेज ऑफर किया जा रहा है।