Android 15 की रिलीज के साथ एंड्रॉयड में डिस्प्ले एक्सपीरियंस और भी स्मूद हो गया है। एंड्रॉयड 15 में अब फोन डिस्प्ले ट्रू वेरिएबल रिफ्रेश रेट को सपोर्ट करेंगे। इसे एडेप्टिव रिफ्रेश रेट भी कहते हैं यानि स्क्रीन पर चल रहे कंटेंट के हिसाब से ही फोन रिफ्रेश रेट को एडजस्ट करता रहता है। इससे पावर की खपत भी कम होती है और यूजर एक्सपीरियंस भी बढ़ जाता है।
LTPO डिस्प्ले अभी भी सीमित अधिकतर लेटेस्ट फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स में अब LTPO यानी लो-टेम्परेचर पॉलिक्रिस्टलीन ऑक्साइड पैनल का इस्तेमाल होने लगा है। इन डिस्प्ले में अभी भी पूरी तरह से वेरिएबल रिफ्रेश रेट सपोर्ट काम नहीं करता है। इनका रिफ्रेश रेट कहीं न कहीं एक सीमा में बंधा रहता है क्योंकि कंपनियां इन्हें पहले से सेट करके देती हैं। यानी इनमें 1Hz से लेकर 120Hz तक की पूरी फ्लेक्सिबिलिटी नहीं मिलती है।
LTPO डिस्प्ले को कंपनी प्री-कंफीगर करती है जो कि 1Hz, 10Hz, 30Hz, 60Hz, और 120Hz के लिए स्पेसिफिक रहता है। कंटेंट के अनुसार यह इन्हीं तय रिफ्रेश रेट में स्विच करता रहता है। वहीं, कंप्यूटर पर फ्रेम रेट रियल टाइम में सिंक्रॉनाइज होता रहता है। इसलिए कंप्यूटर में गेमिंग का बेहतर एक्सपीरियंस मिलता है क्योंकि यहां पर फ्रेम्स का स्मूद ट्रांजिशन होता रहता है। लेकिन एंड्रॉयड डिवाइसेज में अभी तक इस तरह की फ्लेक्सिबिलिटी नहीं मिल रही थी।
Android 15 के साथ
Google ने इस दिशा में किया और एंड्रॉयड के डिस्प्ले फ्रेमवर्क में ट्रू एडेप्टिव रिफ्रेश रेट (ARR) सपोर्ट को जोड़ दिया। अब सिंगल डिस्प्ले मोड में ही स्क्रीन रिफ्रेश रेट को एडजस्ट कर सकती है। हालांकि ARR का पूरा इस्तेमाल हार्डवेयर कम्पैटिबिलिटी मांगता है। इसके लिए डिवाइस में HWC HAL version 3 का सपोर्ट होना चाहिए जो लेटेस्ट डिवाइसेज में मिलता है जो कि Qualcomm Snapdragon 8 Elite प्रोसेसर से लैस होकर आ रहे हैं।
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