पिछले कुछ महीनों में देश में इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में आग लगने की कई घटनाओं ने ग्राहकों से लेकर सरकार तक, सभी को चिंता में डाल दिया था। घटनाओं को बढ़ता देख भारत सरकार ने एक स्पेशल कमेटी का भी गठन किया, जिसको आग लगने की इन घटनाओं की जांच का जिम्मा दिया गया। अब, एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि
इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में आग की घटनाओं के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस भेजने के बाद, केंद्र सरकार अब कथित तौर पर उन वाहनों में असुरक्षित बैटरी पैक का उपयोग करने के लिए फाइन लगाने की योजना बना रही है।
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रिपोर्ट कहती है कि भारत सरकार उन इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता कंपनियों पर पेनल्टी लगाने की प्लानिंग कर रही है, जिनके इलेक्ट्रिक स्कूटर में पिछले कुछ समय में आग लगी। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार की इन कंपनियों पर कोई गंभीर कार्रवाई करने की योजना नहीं है, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग अभी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन सरकार का मानना है कि जुर्माना "गुणवत्ता से समझौता करने वाली कंपनियों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करेगा।"
हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान दिया था कि उनके मंत्रालय ने आग की घटनाओं में शामिल ई-स्कूटर कंपनियों के सीईओ और एमडी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, ताकि कारणों की व्याख्या की जा सके। उन्होंने उस समय कहा था कि कंपनियों की ओर से जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भी चार से पांच ईवी निर्माताओं को नोटिस जारी कर उनके वाहनों में आग लगने का कारण पूछा था और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाए, इसका जवाब मांगा था।
ये नोटिस Ola Electric, Pure EV, Okinawa Autotech, Jitendra EV और Boom Motors द्वारा निर्मित ई-स्कूटर में आग लगने की कई घटनाओं की शिकायतों के बाद भेजा गया था।