दिल्ली में प्राइवेट कारों को स्कूल कैब बना सकेंगे मालिक, लेकिन ये होंगी शर्तें! सरकार की नई पॉलिसी

निजी कार को स्कूल कैब की तरह इस्तेमाल करने के लिए सरकार ने कुछ शर्तों की बात की है जो कि पॉलिसी में शामिल होंगीं।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 17 दिसंबर 2022 20:22 IST
ख़ास बातें
  • निजी कार को स्कूल कैब की तरह इस्तेमाल करने के लिए होंगी शर्तें
  • गाड़ी 15 साल से पुरानी नहीं होनी चाहिए
  • गाड़ी सीएनजी चालित होनी चाहिए

दिल्ली सरकार स्कूल कैब्स के लिए ऐसी पॉलिसी पर काम कर रही है जिसके बाद निजी कारों को भी स्कूल कैब्स में बदला जा सकेगा।

दिल्ली में स्कूल कैब्स की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिए प्रदेश सरकार नई पॉलिसी लाने जा रही है। जिसके अंतर्गत प्राइवेट कारों को स्कूल कैब में बदलने के लिए पॉलिसी पर काम चल रहा है। नई पॉलिसी के लागू हो जाने पर निजी कारों को स्कूल कैब के लिए कमर्शिअल तौर पर चलाए जाने की अनुमति होगी। हालांकि इसके लिए व्हीकल में कुछ बदलाव करने की बात भी सामने आ रही है। जल्द ही सरकार इस पॉलिसी पर आखिरी निर्णय लेने की तैयारी में है। 

दिल्ली सरकार स्कूल कैब्स के लिए ऐसी पॉलिसी पर काम कर रही है जिसके बाद निजी कारों को भी स्कूल कैब्स में बदला जा सकेगा। यानि कि कार का मालिक अपनी गाड़ी को स्कूल कैब्स के लिए कमर्शिअल व्हीकल के रूप में इस्तेमाल कर सकेगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए कार के मालिक को कार में कुछ बदलाव भी करने होंगे। इसके लिए कहा गया है कि कार में स्पीड गवर्नर और बैग कैरियर लगवाना होगा। उसके अलावा भी कई ऐसी चीजें हैं जो कार में लागू करना अनिवार्य होगा। पॉलिसी पर अभी काम किया जा रहा है और सभी विभागों द्वारा एक बार जांचे जाने के बाद ही इसे आम लोगों के सामने रखा जाएगा। 
 

पॉलिसी में ये होंगी शर्तें

निजी कार को स्कूल कैब की तरह इस्तेमाल करने के लिए सरकार ने कुछ शर्तों की बात की है जो कि पॉलिसी में शामिल होंगीं। इसके अनुसार, गाड़ी 15 साल से पुरानी नहीं होनी चाहिए। दूसरी बात ये कि गाड़ी सीएनजी चालित होनी चाहिए। इसमें बच्चों के बैठने की क्षमता का भी ध्यान रखना होगा जो कि गाड़ी कुल क्षमता से आंका जाएगा। ये सभी शर्तें पूरी करने के साथ ही पॉलिसी के तहत एक वैलिड फिटनेस सर्टिफिकेट भी मालिक को प्राप्त करना होगा जिसके बाद सीएनजी चालित उस व्हीकल को कमर्शिअल तौर पर रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा। उसके बाद स्कूली बच्चों को ले जाने के लिए मालिक को परमिट दिया जाएगा। 

स्पीड गवर्नर भी गाड़ी में लगवाने होंगे जो कि 40 किलोमीटर प्रति घंटा से ऊपर नहीं जा सकता है। गाड़ी पर उसके मालिक का नाम और संपर्क के लिए टेलीफोन या मोबाइल नम्बर भी साफ-साफ लिखा होना चाहिए। इसके अलावा गाड़ी में आपात स्थिति के लिए अग्निशामक यंत्र भी लगवाना अनिवार्य होगा। स्कूल के लिए कैब पॉलिसी 2007 में बनाई गई थी। इसके तहत केवल नए व्हीकल्स को ही इसके लिए रजिस्ट्रेशन की परमिशन दी जाती थी। दिल्ली में वर्तमान में 32 हजार स्कूल कैब मौजूद हैं। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Tata Motors की Harrier इलेक्ट्रिक के लिए 6 महीने से ज्यादा की वेटिंग 
  2. WhatsApp में बिना नंबर सेव किए कैसे भेजें मैसेज
#ताज़ा ख़बरें
  1. Tata Motors की Harrier इलेक्ट्रिक के लिए 6 महीने से ज्यादा की वेटिंग 
  2. Samsung की Galaxy A07 के लॉन्च की तैयारी, MediaTek Helio G99 हो सकता है चिपसेट
  3. हैवी गेमिंग या फोन में रखने हैं तगड़े ऐप्स तो 16GB RAM वाले ये फोन रहेंगे बेस्ट
  4. WhatsApp में बिना नंबर सेव किए कैसे भेजें मैसेज
  5. Netflix मुफ्त देखने का जबरदस्त तरीका! बस करें ये रिचार्ज
  6. OnePlus 13s vs iPhone 16e vs Vivo X200 FE: तीनों के बीच कड़ी टक्कर,देखें कौन है बेस्ट
  7. Google Pay, Paytm और PhonePe यूजर्स के लिए बड़ा अपडेट, अब बार-बार नहीं कर पाएंगे ये काम, 1 अगस्त से लागू होंगे
  8. आपके नाम पर कितने सिम कार्ड हैं रजिस्टर्ड, घर बैठे ऐसे करें चेक
  9. MG Motor ने भारत में लॉन्च की इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार Cyberster, 200 kmph की टॉप स्पीड 
  10. iQOO जल्द लॉन्च करेगी Z10 Turbo+, MediaTek Dimensity 9400+ चिपसेट
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.