Bitcoin निवेशकों के काले दिन खत्म नहीं हो रही है। चीन व ईरान द्वारा क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार पर शिकंजा कसने के बाद अब ब्रिटेन की ओर से उठाए एक कदम ने Bitcoin की कीमत पर असर डाला है। खबर है कि सोमवार को ब्रिटेन की वित्तिय अथॉरिटी ने क्रिप्टोकरेंसी के सबसे बड़े एक्सचेंज (Popular Cryptocurrency Exchange) बाइनेंस (Binance) को आड़े हाथ लेने का फैसला किया है। यह फैसला कथिक तौर पर तेज़ी से आसमान की ऊंचाई पर पहुंच रही क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को कंट्रोल करने के दबाव के चलते लिया जा रहा है।
न्यूज़ एजेंसी Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन द्वारा बेहद लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Binance के ऊपर ब्रिटेन की वित्तिय अथॉरिटी की नज़र पड़ गई है, जिसके चलते बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin price) को झटका लगा है। रिपोर्ट कहती है कि शुक्रवार को जारी किए गए एक नोटिस में, ब्रिटेन की फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी (FCA) ने कहा कि Binance ब्रिटेन में किसी प्रकार रेग्युलेटेड एक्टिविटी को अंजाम नहीं दे सकता है और साथ ही उन्होंने देश में नागरिकों को इस प्लेटफॉर्म को लेकर सचेत रहने को भी कहा। बता दें कि Binance के काम करने के तरीकों के ऊपर न केवल ब्रिटेन, बल्कि अमेरिका समेत कई अन्य देशों की नज़र है।
हाल ही में अमेरिकी अथॉरिटी द्वारा Binance को लेकर प्रकट की गई चिंताओं ने Bitcoin की कीमत को गिराया था और अब, ब्रिटेन द्वारा बाइनेंस को आड़े हाथ लेने की तैयारी ने भी बिटकॉइन की कीमत पर असर डाला है। रिपोर्ट का कहना है कि इस खबर के सामने आने के बाद बिटकॉइन के भाव में 1.8 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली और इस सबसे लोकप्रिय कॉइन का भाव पिछले 13 दिनों में 18 प्रतिशत गिरा है। खबर लिखते समय बिटकॉइन की भारत में कीमत (Bitcoin Price in India) लगभग 26 लाख रुपये चल रहा था।
FCA ने यह कदम दुनिया भर की वित्तिय अथॉरिटी द्वारा Binance के काम-काज करने के तरीकों को लेकर जताई गई चिंताओं के बाद लिया है। इन अथॉरिटी को शक है कि एक्सचेंज का इस्तेमाल मनी लॉन्डरिंग और कुछ अन्य अवैध गतिविधियों में हो सकता है और यह ग्राहकों के लिए भी जोखिम पैदा कर सकता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अथॉरिटी के एक प्रवक्ता का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Binance ने पिछले महीने FCA के एक रजिस्ट्रेशन आवेदन को वापस ले लिया था, जिसमें एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग के नियमों का भी उल्लेख था। हालांकि उन्होंने यह बताने से इंकार कर दिया कि कंपनी ने ऐसा क्यों किया।