नींद का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। आमतौर पर डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि व्यक्ति को रोजाना 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए, लेकिन एक चौंकाने वाली जानकारी में पता चला है कि ज्यादातर लोग हर रात लगभग पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं। ऐपल हार्ट एंड मूवमेंट स्टडी (Apple Heart and Movement Study) के डेटा को इस्तेमाल करते हुए रिसर्चर्स ने यह जानकारी दी है। अमेरिका के ब्रिघम एंड वूमन्स हॉस्पिटल (Brigham and Women's Hospital) द्वारा इस महीने पब्लिश की गई स्टडी में 42 हजार से ज्यादा ऐपल वॉच यूजर्स की नींद के डेटा (sleep data) को आधार बनाया गया है।
एबीसी न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में
लिखा है कि ब्रिघम एंड वूमन्स हॉस्पिटल के रिसर्चर्स ने
ऐपल वॉच यूजर्स की 29 लाख से ज्यादा रातों की नींद का विश्लेषण किया। रिसर्चर्स को जो जानकारी मिली, वह चौंकाने वाली है। पता चला है कि सिर्फ 31 फीसदी लोग ही रात में कम से कम 7 घंटे की नींद ले रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि एक स्वस्थ वयस्क के लिए रात में कम से कम 7 घंटों की नींद जरूरी है।
रिसर्चर्स ने जिस
ऐपल हार्ट एंड मूवमेंट स्टडी के जरिए डेटा को जुटाया, उस स्टडी का ऐलान साल 2019 में ऐपल ने किया था। इस डेटा को जब रिसर्चर्स ने इस्तेमाल किया, तो उन्हें कई और आंकड़े मिले। ये आंकड़े वैसे तो अमेरिकी लोगों की दिनचर्या को प्रदर्शित करते हैं, लेकिन एक अनुमान जरूर मिलता है कि दुनियाभर में लोग किस तरह कम नींद ले रहे हैं और भविष्य में इसका असर उनकी सेहत पर हो सकता है।
स्टडी का विश्लेषण करने पर रिसर्चर्स ने पाया कि वीकडेज यानी सोमवार से शुक्रवार के दिनों में तो 66.4% लोग रात 12 बजे पहले बेड पर चले जाते हैं, लेकिन वीकेंड यानी शनिवार-रविवार को यह संख्या घटकर 56.6% रह जाती है। वॉशिंगटन में 38.3% के साथ 7 घंटे से ज्यादा सोने वाले लोग सबसे अधिक थे, जबकि हवाई में 7 घंटे से ज्यादा सोने वालों की संख्या सबसे कम है।
स्टडी में शामिल हुए कुल 42,455 लोगों की नींद का अनुपात बताता है कि प्रति व्यक्ति रात में सोने का समय औसतन 6 घंटे 27 मिनट था। दूसरी ओर, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन रोजाना रात में 7 से 9 घंटे तक सोने की सलाह देता है। इससे कम नींद लेने वालों को ह्रदय से जुड़ी बीमारियों के साथ-साथ, तनाव, मोटापा, हाई बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रोल के बढ़ते स्तर जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।