ग्लोबल ई-कॉमर्स और टेक कंपनी Amazon ने बताया है कि वह इकोनॉमी में अस्थिरता की स्थिति से निपटने और अपने कामकाज में सुधार के लिए 9,000 वर्कर्स की छंटनी करेगी। एमेजॉन को कुछ वर्षों पहले तक बड़ी संख्या में रोजगार देने वाली कंपनी के तौर पर जाना जाता था। पिछले कुछ महीनों में इसने हजारों वर्कर्स को बाहर किया है। कंपनी के पास लगभग तीन लाख वर्कर्स हैं।
कंपनी ने अपनी प्रॉफिट वाली क्लाउड और एडवर्टाइजिंग डिविजंस से बड़ी संख्या में वर्कर्स को हटाने की योजना बनाई है। इसके अलावा इसकी स्ट्रीमिंग डिविजन Twitch से भी स्टाफ घटाया जाएगा। पिछले वर्ष के अंत में
एमेजॉन ने ई-कॉमर्स, डिवाइसेज और HR डिविजंस से वर्कर्स की छंटनी की थी। पिछले वर्ष के अंत से टेक्नोलॉजी सेक्टर की बहुत सी कंपनियों ने अपनी वर्कफोर्स को घटाया है। इनमें बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल Microsoft और इंटरनेट सर्च इंजन गूगल को चलाने वाली Alphabet शामिल हैं। सोशल मीडिया साइट फेसबुक की मालिक
Meta ने पिछले सप्ताह बताया था कि वह इस वर्ष लगभग 10,000 वर्कर्स की छंटनी करेगी। महामारी के दौरान टेक कंपनियों का बिजनेस तेजी से बढ़ा था और इसका असर उनके वैल्यूएशंस पर भी दिखा था। पिछले वर्ष इन्फ्लेशन और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी से इन कंपनियों के वैल्यूएशंस में काफी गिरावट आई है।
पिछले वर्ष छंटनी के दौरान मेटा के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Mark Zuckerberg ने एंप्लॉयीज को मैसेज में बताया था, "मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कमजोर होने, कॉम्पिटिशन बढ़ने और विज्ञापनों में कमी से हमारा रेवेन्यू अनुमान से बहुत कम रहा है। मुझसे गलती हुई है और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।" उन्होंने कहा कि कंपनी को अपने रिसोर्सेज AI, विज्ञापनों और मेटावर्स प्रोजेक्ट जैसे ग्रोथ की अधिक संभावना वाले एरिया में लगाने की जरूरत है।
एमेजॉन के CEO, Andy Jassy ने वर्कर्स के लिए ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक मैसेज में कहा कि इस फैसले के पीछे प्रायरिटीज का एनालिसिस और इकोनॉमी को लेकर अनिश्चितता प्रमुख कारण हैं। उनका कहना था, "कुछ लोग यह पूछ सकते हैं कि कुछ महीने पहले हुई छंटनी में इसकी घोषणा क्यों नहीं हुई थी। इसका उत्तर यह है कि सभी टीमों ने अपना एनालिसिस पूरा नहीं किया था।" कंपनी ने पिछले महीने बताया था कि उसके प्रॉफिट में कमी मौजूदा तिमाही में जारी रह सकती है।