क्‍या है TOS-2 Tosochka? ऐसा हथियार जिससे रूस छीन रहा यूक्रेन के सैनिकों की सांसें! जानें इसके बारे में

TOS-2 Tosochka एक मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है। इसमें थर्मोबेरिक वॉरहेड लगा होता है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 13 मई 2024 18:08 IST
ख़ास बातें
  • रूस-यूूक्रेन जंग में इस्‍तेमाल हो रहा है TOS-2 Tosochka
  • यह मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है
  • इसकी मदद से टार्गेट एरिया में ऑक्‍सीजन कम कर दी जाती है

इसे आमतौर पर तब टार्गेट किया जाता है जब दुश्‍मन सैनिकों को बड़ी संख्‍या में नुकसान पहुंचाना हो।

रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) अब खबरों में बहुत कम जगह बना पा रहा है, लेकिन जंग तो जारी है। यह युद्ध कई वजहों से ध्‍यान खींचता रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रूस TOS-2 Tosochka नाम के एक हथियार को लगतार यूक्रेन के साथ जंग में इस्‍तेमाल कर रहा है। कहा जाता है कि यह हथियार दुश्‍मन सैनिकों की सांसें छीन लेता है! क्‍योंकि इसके असर से टार्गेट वाले एरिया में ऑक्‍सीजन का लेवल बहुत कम हो जाता है। आइए जानते हैं क्‍या है क्‍या है TOS-2 Tosochka?
 

क्‍या है TOS-2 Tosochka?

रिपोर्ट्स के अनुसार, TOS-2 Tosochka एक मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है। इसमें थर्मोबेरिक वॉरहेड लगा होता है। इसे आमतौर पर तब टार्गेट किया जाता है जब दुश्‍मन सैनिकों को बड़ी संख्‍या में नुकसान पहुंचाना हो। रिपोर्टों के अनुसार, TOS-2 Tosochka जैसे ही अपने टार्गेट एरिया में गिरता है, यह आसपास की ऑक्‍सीजन को सोख लेता है। इस वजह से वहां मौजूद सैनिकों को सांस लेने में परेशानी होती है। 

रिपोर्टों के अनुसार, TOS-2 Tosochka के जरिए 10 किलोमीटर एरिया में टार्गेट सेट किए जा सकते हैं। एक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम में 18 रॉकेट होते हैं यानी एकसाथ बड़े एरिया में टार्गेट सेट किया जा सकता है। कहा जाता है कि बीते कुछ साल से रूसी सेना इस रॉकेट को यूज कर रही है। 
 

What is Thermobaric Weapons? 

TOS-2 Tosochka रॉकेट लॉन्‍चर सिस्‍टम में लगा थर्मोबेरिक वॉरहेड ही इसकी जान है। थर्मोबेरिक हथियार को  एरोसोल बम या वैक्यूम बम भी कहा जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह एक तरह का विस्फोटक हथियार होता है जो गैस, लिक्विड या पाउडर के रूप में मौजूद विस्फोटक के एरोसोल बादल को फैलाकर अपना काम करता है। इसे लॉन्‍चरों से लेकर विमानों तक में फ‍िट किया जा सकता है। 

यही वह चीज है, जो फटने के बाद एक वैक्‍यूम बनाता है और चाहे तो टार्गेट एरिया की ऑक्‍सीजन सोख सकता है या फ‍िर सीधे तौर पर सैनिकों को नुकसान पहुंचा सकता है।  
 
 

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ये भी पढ़े: , Russia Ukaine war, defence news in hindi
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