भारी गिरावट के बाद वीकेंड पर Terra Luna में हुई रिकवरी

स्टेबलकॉइन TerraUSD और Terra Luna में इस महीने की शुरुआत में भारी गिरावट का क्रिप्टो मार्केट पर भी बड़ा असर पड़ा था

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 24 मई 2022 15:22 IST
ख़ास बातें
  • TerraUSD में इसकी एक डॉलर की वैल्यू से लगभग 100 प्रतिशत की गिरावट हुई थी
  • इससे इनवेस्टर्स को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ था
  • सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin भी मार्केट में बिकवाली से टूटी थी

सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin पर भी मार्केट में बिकवाली का असर पड़ा था

हाल ही में बिकवाली के कारण TerraUSD और इससे जुड़े क्रिप्टो कॉइन Terra Luna का प्राइस बहुत गिर गया था। इन दोनों कॉइन में वीकेंड के दौरान रिकवरी हुई है। TerraUSD का प्राइस बढ़कर 0.08003 डॉलर और Terra Luna का 0.0001948 डॉलर पर पहुंच गया। वीकेंड पर Terra Luna के प्राइस में लगभग 100 प्रतिशत की तेजी आई और सोमवार को भी इसमें लगभग 60 प्रतिशत की बढ़त थी।

स्टेबलकॉइन TerraUSD और Terra Luna में इस महीने की शुरुआत में भारी गिरावट का क्रिप्टो मार्केट पर भी बड़ा असर पड़ा था। इससे बहुत सी क्रिप्टोकरेंसी के प्राइसेज गिर गए थे। TerraUSD में इसकी एक डॉलर की वैल्यू से लगभग 100 प्रतिशत की गिरावट हुई थी और इसके साथ ही Luna भी गिरा था। TerraUSD के डॉलर के साथ अपना जुड़ाव तोड़ने पर Luna में गिरावट शुरू हुई थी। इसका कारण इन दोनों टोकन के प्राइसेज का आपस में जुड़ा होना था। इससे इनवेस्टर्स को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ था। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance की Luna में होल्डिंग 1.6 अरब डॉलर से घटकर केवल लगभग 2,200 डॉलर की रह गई थी। 

Luna की मार्केट वैल्यू इस गिरावट से पहले 20 अरब डॉलर से अधिक की थी, जो घटकर लगभग 84 करोड़ डॉलर हो गई थी। ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म Elliptic के अनुसार, TerraUSD और Luna के इनवेस्टर्स को इससे लगभग 42 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। इसके अलावासबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin पर भी मार्केट में बिकवाली का असर पड़ा था। इसके प्राइस में लगभग एक-चौथाई की कमी आई थी। 

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है।अन्य स्टेबलकॉइन्स का सामान्य एसेट्स में रिजर्व होता है लेकिन TerraUSD इसे एक एल्गोरिद्म के जरिए बरकरार रखता है, जो एक अन्य बैलेंसिंग टोकन Luna के इस्तेमाल से सप्लाई और डिमांड को नियंत्रित रखती है। इस गिरावट का कारण कुछ बड़े इनवेस्टर्स का इसमें बिकवाली करना था। इन इनवेस्टर्स को आशंका थी कि Terra की बिटकॉइन के इस्तेमाल से UST को मजबूत करने की योजना नाकाम हो सकती है। 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Blockchain, stablecoins, Bitcoin, Investors, Terra, Luna

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. क्या होता है GPS Spooing? जिससे भारत के 7 बड़े एयरपोर्ट्स को बनाया गया था निशाना? यहां जानें
  2. Samsung का पहला ट्राईफोल्ड स्मार्टफोन Galaxy Z TriFold लॉन्च, 200MP कैमरा, 5600mAh बैटरी के साथ ऐसे हैं फीचर्स
#ताज़ा ख़बरें
  1. iPhone में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल नहीं करेगी Apple!
  2. क्या होता है GPS Spooing? जिससे भारत के 7 बड़े एयरपोर्ट्स को बनाया गया था निशाना? यहां जानें
  3. Sanchar Saathi कैसे काम करता है? जानिए इसके 6 सबसे काम के फीचर्स
  4. Poco C85 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी AI कैमरा
  5. AI+ Laptap की लॉन्च टाइमलाइन का खुलासा, लैपटॉप जैसा एक्सपीरिएंस देगा ये टैबलेट!
  6. VinFast की भारत में जल्द इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने की तैयारी
  7. Vivo X300 vs OnePlus 15 vs Google Pixel 10: 80K में जानें कौन सा फोन है बेहतर
  8. OnePlus 15R और OnePlus Pad Go 2 का लॉन्च 17 दिसंबर को, यहां जानें कंफर्म्ड स्पेसिफिकेशंस और लाइव स्ट्रीमिंग डिटेल्स
  9. स्मार्टफोन्स में Sanchar Saathi ऐप को डिलीट करने का मिलेगा ऑप्शनः टेलीकॉम मिनिस्टर
  10. Vivo X300 Pro फ्लैगशिप फोन 200 मेगापिक्सल कैमरा के साथ लॉन्च, 16GB रैम के साथ डाइमेंसिटी 9500 चिपसेट से लैस
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.