क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में एक मजाक के रूप में लॉन्च हुई शीबा इनु (SHIB) की पॉपुलैरिटी लगातार तेज हो रही है। पॉपुलैरिटी के मामले में शीबा इनु का बाजार पूंजीकरण, डॉजीकॉइन (DOGE) के करीब आ गया है। वह भी तब, जब इस मीम कॉइन के लिए इस सप्ताह शुरुआत अच्छी नहीं रही थी।
गौर करने वाली बात यह है कि मीम आधारित इस क्रिप्टो कॉइन ने बाजार पूंजीकरण में टॉप 10 सबसे बड़ी क्रिप्टो संपत्तियों की लिस्ट में प्रवेश कर लिया है। और यह अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी
डॉजकॉइन से एक पायदान ही नीचे है। क्रिप्टो रिसर्च फर्म इनटू द ब्लॉक के अनुसार, SHIB के संचालन का 70.52 प्रतिशत आठ विशालकाय खातों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इनमें से एक व्यक्ति 41.03 प्रतिशत हिस्सा रखता है। शीबा इनु ने अकेले पिछले सप्ताह में 800 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है। इसका सीधा मतलब है कि इन सभी लोगों ने अपने निवेश पर भारी मुनाफा कमाया है।
कॉइनकॉर्प के डेटा से पता चलता है कि बिटकॉइन की सर्कुलेटिंग सप्लाई 18.85 मिलियन है, जो आज मौजूद 549 ट्रिलियन, शीबा इनु से बहुत कम है। इसके 838,305 होल्डर्स में से 20 होल्डर आपूर्ति का 75.95 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं।
जहां तक उस शख्स की है, जो शीबा इनु के संचालन का 41% से अधिक अपने पास रखता है, तो उस अकाउंट से अटैच वॉलेट का इस्तेमाल इथेरियम के सह-संस्थापक विटालिक ब्यूटिरिन द्वारा 50 ट्रिलियन SHIB को डंप करने के लिए किया जाता है।
इसी साल मई महीने में Buterin ने उन टोकन को इंडिया के लिए बनाए गए एक क्रिप्टो-आधारित COVID-19 राहत कोष के लिए दान किया था। तब उन टोकन्स की कीमत 1 बिलियन डॉलर यानी लगभग 7,497 करोड़ रुपये थी। सभी प्रचलित SHIB टोकन के 50 प्रतिशत टोकन में से बाकी राशि को शीबा इनु की स्थापना के समय Buterin को तोहफे के रूप में दिया गया था। बाद में उन्हें प्रचलन से बाहर कर दिया गया।