प्रतिबंधों से बचने के लिए रूस नहीं ले सकता क्रिप्टो का सहारा, एक्सपर्ट्स की राय

Blockchain Association के जेक चेरविंस्की का कहना है "रूस वर्षों से प्रतिबंधों से बचने लिए खुद को तैयार करने की कोशिश करता आया है, लेकिन किसी भी सार्थक क्रिप्टो इन्फ्रास्ट्रक्चर को बनाने या क्रिप्टो नियमों को अंतिम रूप देने में असफल रहा है।"

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नितेश पपनोई, अपडेटेड: 3 मार्च 2022 14:31 IST
ख़ास बातें
  • जेक चेरविंस्की ने बुधवार को एक बेहद लंबा ट्विटर थ्रेड पोस्ट किया
  • उन्होंने रूस द्वारा क्रिप्टो से प्रतिबंधों के बचाव के अनुमान को नकारा
  • चेरविंस्की ने थ्रेड में तीन बड़े कारणों के जरिए इस बात को समझाया है

Russia-Ukraine War: कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस प्रतिबंधों से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का सहारा ले सकता है

Russia-Ukraine War: रूस द्वारा यूक्रेन में हमला करने के बाद से अमेरिका सहित कई अन्य देशों ने रूस के ऊपर कई प्रतिबंधों की घोषणा की। इसके बाद, कई एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया कि रूस के ऊपर इन प्रतिबंधों का कोई असर नहीं पड़ेगा, रूस में क्रिप्टो का जबरदस्त चलन है। बता दें कि जुलाई 2021 तक ग्लोबल बिटकॉइन हैशरेट के 11% से अधिक के लिए रूस जिम्मेदार था। अब, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रतिबंधों से निपटने के लिए रूस द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने का तर्क 'बेबुनियाद' है।

यूएस में क्रिप्टो पॉलिसी प्रमोटर Blockchain Association के पॉलिसी हेड जेक चेरविंस्की (Jake Chervinsky) ने बुधवार को एक बेहद लंबा ट्विटर थ्रेड पोस्ट किया। इस थ्रेड में 20 से ज्यादा ट्वीट शामिल हैं, जिसमें उन्होंने यह समझाने की कोशिस की है कि "रूस प्रतिबंधों से बचने के लिए क्रिप्टो का इस्तेमाल नहीं कर सकता और न ही करेगा।"
 

चेरविंस्की ने थ्रेड में तीन बड़े कारणों के जरिए इस बात को समझाया है। इनमें से पहला कारण यह है कि ग्लोबल पेमेंट नेटवर्क तक रूस की पहुंच का रूस को अमेरिकी अर्थव्यवस्था से अलग करने के प्राथमिक प्रतिबंधों से कोई लेना-देना नहीं है। अमेरिकी नागरिकों के लिए SDN के साथ लेनदेन करना अवैध है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे डॉलर, गोल्ड, सी शेल या बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं।
 

दूसरा कारण यह है कि रूस जैसे देश की फाइनेंशियल जरूरतें क्रिप्टो मार्केट की वर्तमान क्षमताओं से कहीं अधिक हैं। भले ही रूस पर्याप्त लिक्विडिटी तक पहुंच सकता है, फिर भी वह ऐसे मार्केट में अपने लेनदेन को छुपा नहीं सकता है। उन्होंने कहा "रूस क्रिप्टो के साथ अपने ट्रैक नहीं छिपा सकता है।" वे आगे लिखते हैं "वैध प्राइवेसी चिंताओं को अलग रखते हुए, पब्लिक बहीखातों की पारदर्शिता और अमेरिकी फोरेंसिक फर्मों की विश्लेषिकी क्षमता के चलते क्रिप्टो प्रतिबंधों से बचाव के लिए बेकार है।"
 

अंत में उन्होंने बताया कि रूस वर्षों से प्रतिबंधों से बचने लिए खुद को तैयार करने की कोशिश करता आया है, लेकिन किसी भी सार्थक क्रिप्टो इन्फ्रास्ट्रक्चर को बनाने या क्रिप्टो नियमों को अंतिम रूप देने में असफल रहा है। चेरविंस्की ने कहा कि देश पर लगे प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने के लिए रूस की योजना क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने की प्रतीत नहीं होती है।
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उन्होंने ट्वीट में लिखा "उसकी (रूसी राष्ट्रपति पुतिन) रणनीति में रूस के रिज़र्व को युआन और गोल्ड (क्रिप्टो नहीं) में डाइवर्सिफाई करना, व्यापार को एशिया में स्थानांतरित करना (ब्लॉकचेन पर नहीं), विनिर्माण को तट पर लाना आदि शामिल थे।"

हालांकि, ब्लॉकचेन रिसर्च प्लेटफॉर्म Coinfirm में फ्रॉड इनवेस्टिगेशन के प्रमुख रोमन बिएडा (Roman Bieda) ने Al Jazeera को मंगलवार को दिए एक बयान (via Cointelegraph) में कहा कि उत्तर कोरिया, वेनेजुएला और ईरान द्वारा लगाए गए "प्रतिबंधों से बचने और धन को छिपाने" के लिए क्रिप्टो का उपयोग करना सामान्य रूप से संभव है।
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लेकिन अन्य विशेषज्ञों ने आउटलेट को बताया कि प्रतिबंधों के पैमाने, क्रिप्टो अपनाने की सुस्त दर और मार्केट में गहराई की कमी के कारण रूस का मामला अलग है।
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Cointelegraph की रिपोर्ट में आगे क्रिप्टो क्राइम अन्वेषक TRM Labs में कानूनी और सरकारी मामलों के प्रमुख अरी रेडबॉर्ड (Ari Redbord) के बयान का हवाला देते हुए बताया गया है कि ब्लॉकचेन की पारदर्शिता इस मामले में प्रतिबंधों से बचने का एक प्राकृतिक निवारण बन सकता है।
 

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