MetaMask एक क्रिप्टोकरेंसी फर्म है, जिसने हाल ही में पुष्टि की है कि वह जल्द ही अपने खुद के क्रिप्टो टोकन $MASK को अपने मौजूदा यूज़र्स के वॉलेट में डाल देगी। इसके घोषणा के बाद, क्रिप्टो बाजार में एक नकली MetaMask टोकन लॉन्च हो गया, जो UniSwap प्लेटफॉर्म पर ट्रेड के लिए उपलब्ध था। बेहद कम समय में, इथेरियम ब्लॉकचेन पर बने इस मेटामास्क टोकन ने कथित तौर पर 2,600% उछाल हासिल कर लिया। जैसे ही इस नकली टोकन का खरीद का आकंड़ा 1 मिलियन डॉलर (करीब 7.4 करोड़ रुपये) के पास पहुंचा, सेल पर रोक लगा दी गई, जिससे रग-पुल स्कैम का संदेह पैदा हो गया।
CoinCodeCap की एक
रिपोर्ट के अनुसार, अज्ञात स्कैमर ने अपने इस नकली टोकन के साथ $MASK टोकन के लॉन्च की प्रतीक्षा कर रहे कई लोगों को लूटा है। इस स्कैम का शिकार हुए लोगों की सटीक संख्या स्पष्ट नहीं है।इस टोकन को केवल खरीदा जा सकता था, बेचा नहीं जा सकता था। यह एक और कारण था कि टोकन के स्कैम को लेकर लोगों का शक बढ़ गया।
टेक का ज्ञान रखने वाले कुछ लोगों ने ट्विटर पर अपनी व्यक्तिगत जांच की जानकारी शेयर की, जिसमें खुलासा हुआ कि नकली टोकन को वैरिफाइड स्टेट दिया गया था, क्योंकि स्कैमर्स ने ऐसा करने के लिए DeFi टूल साइट DexTools का इस्तेमाल किया था।
अभी तक, DexTools ने साइबर क्रिमिनल्स को अपने प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने से रोकने में सक्षम नहीं होने में अपनी भूमिका पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
इस घटना को "रग पुल" स्कैम के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि यह क्रिप्टो स्कैमर्स द्वारा की गई "हनीपॉट" ट्रिक है। जबकि हनीपॉट स्कैम कम जानकारी वाले लोगों को टार्गेट करते हैं, रग पुल स्कैम तब होते हैं, जब साइबर क्रिमिनल कैपिटल के टार्गेट अमाउंट के जमा होने के बाद अपने प्रोजेक्ट को छोड़ कर भाग जाते हैं।
हाल की एक
रिपोर्ट में, रिसर्च फर्म Chainalysis ने खुलासा किया था कि इस साल क्रिप्टो निवेशकों के साथ $7.7 बिलियन (लगभग 58,697 करोड़ रुपये) से अधिक का घोटाला हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि घोटाले का सबसे आम रूप 'रग पुल' था।