मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने इस महीने की शुरुआत तेजी के साथ की है। यह लगभग 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ खुला। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस 0.48 प्रतिशत बढ़कर लगभग 20,400 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 20,480 डॉलर पर था।
Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन की ट्रेडिंग वॉल्यूम में भी तेजी आई है। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में लगभग 0.60 प्रतिशत का उछाल आया। इसका प्राइस इंटरनेशन और लोकल एक्सचेंजों पर 1,582 डॉलर से अधिक का था। Ethereum ब्लॉकचेन के एनर्जी एफिशिएंट 'Merge' अपग्रेड के लॉन्च से ट्रांजैक्शंस में तेजी आई है और
एनर्जी की खपत में कमी हुई है। इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स ने इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग की है। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती गई है। अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है।
Gadgets 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, Binance Coin, Ripple, Cardano और Solana सहित ज्यादातर ऑल्टकॉइन्स बढ़े हैं। Tether, USD Coin और Binance USD में भी उछाल आया है। मीम कॉइन्स Dogecoin और Shiba Inu का प्राइस भी बढ़ा है। क्रिप्टो का ग्लोबल मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले एक दिन में लगभग 0.54 प्रतिशत बढ़कर 1.02 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया।
पिछले वर्ष नवंबर में
बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है। इसका प्राइस गिरने से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इनवेस्टर्स को चेतावनी दी है। इससे भी मार्केट पर प्रेशर बढ़ा है। चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो से जुड़ी ट्रांजैक्शंस के साथ ही बिटकॉइन की माइनिंग पर भी पाबंदी लगा दी थी। अमेरिका सहित कुछ देशों में बिटकॉइन माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत का विरोध हो रहा है। इस सेगमेंट में फ्रॉड के मामले बढ़ने से भी इनवेस्टर्स ने क्रिप्टोकरेंसीज से दूरी बना रहे हैं।