बिटकॉइन में तूफानी तेजी, 40,000 डॉलर के पार हुआ प्राइस

बिटकॉइन ETF को स्वीकृति मिलने पर इसमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के साथ ही सामान्य मार्केट एक्सचेंजों के जरिए भी इनवेस्टमेंट किया जा सकेगा

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Written by राधिका पाराशर, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 4 दिसंबर 2023 17:15 IST
ख़ास बातें
  • बिटकॉइन का प्राइस लगभग 40,580 डॉलर पर था
  • पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले बढ़े हैं
  • कुछ देशों में इस सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए जा रहे हैं

इसने दो वर्ष पहले 68,000 डॉलर से अधिक का हाई-लेवल बनाया था

मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने 19 महीनों में पहली बार सोमवार को 40,000 डॉलर का महत्वपूर्ण लेवल पार किया है। बिटकॉइन का प्राइस लगभग 40,580 डॉलर पर था। इसने दो वर्ष पहले 68,000 डॉलर से अधिक का हाई-लेवल बनाया था। इसके बाद से यह 26,000 डॉलर से 27,500 डॉलर की रेंज में ट्रेड कर रहा था। 

लगभग दो महीने पहले CoinTelegraph के स्पॉट बिटकॉइन ETF को अमेरिका में स्वीकृति मिलने की गलत रिपोर्ट पब्लिश करने के बाद बिटकॉइन में तेजी की शुरुआत हुई थी। बिटकॉइन का प्राइस अक्टूबर की शुरुआत में लगभग 28,175 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में बिटकॉइन कॉन्ट्रैक्ट्स पर लगभग 5.4 करोड़ डॉलर की शॉप्ट पोजिशंस भुनाई गई हैं। Zebpay के ट्रेड डेस्क ने Gadgets360 को बताया, "इस वर्ष का बिटकॉइन ने हाई बनाया है और वर्ष की शुरुआत से इसमें लगभग 140 प्रतिशत की तेजी आई है। इस अपट्रेंड का बड़ा कारण अमेरिका में जल्द स्पॉट बिटकॉइन ETF के लिए स्वीकृति मिलने का अनुमान है।"  

बिटकॉइन ETF को स्वीकृति मिलने पर इसमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के साथ ही सामान्य मार्केट एक्सचेंजों के जरिए भी इनवेस्टमेंट किया जा सकेगा। पिछले महीने के अंत में बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से शामिल Binance को अमेरिका में एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के उल्लंघन का दोषी पाया गया था। इस वजह से Binance पर 4.3 अरब डॉलर (लगभग 35,827 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगया था। इसके चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, Changpeng Zhao ने इस्तीफा देने की घोषणा की थी। इससे क्रिप्टो मार्केट को बड़ा झटका लगा था। 

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले बढ़े हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि टेक्नोलॉजी के डिवेलपमेंट के साथ रफ्तार बरकरार रखने की जरूरत है। इससे पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी क्रिप्टो के लिए रूल्स बनाने की जरूरत बताई थी। हालांकि, RBI की ओर से क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने की भी मांग की गई थी। कुछ देशों में इस सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए जा रहे हैं। इससे इस मार्केट में स्कैम के मामलों पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसके साथ ही इनवेस्टर्स का भी क्रिप्टो मार्केट पर भरोसा बढ़ सकता है। 
 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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