इस सप्ताह कुछ तेजी के बाद क्रिप्टो मार्केट में गुरुवार को गिरावट रही। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस लगभग एक प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला। Binance और CoinMarketCap जैसे इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस 17,730 डॉलर से कुछ अधिक पर था।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में 2.35 प्रतिशत की गिरावट थी। Gadgets 360 के
क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, ETH का प्राइस 1,291 डॉलर पर था। अमेरिकी डॉलर के साथ जुड़ाव वाले स्टेबलकॉइन्स के प्राइसेज घटे हैं। Tether, USD Coin, Binance Coin, Ripple, Cardano, Polygon, Polkadot और Litecoin में गिरावट थी। क्रिप्टो मार्केट का कैपिटलाइजेशन पिछले एक दिन में 1.12 प्रतिशत घटकर 861 अरब डॉलर से कुछ अधिक का है। Organisation for Economic Cooperation and Development (OECD) ने क्रिप्टो मार्केट की वैल्यू में रिकवरी नहीं होने का बड़ा कारण इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को बताया है। OECD ने एक रिपोर्ट में कहा है कि क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के बीच रिटेल इनवेस्टर्स की तुलना में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स ने अधिक बिकवाली की है।
बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल
FTX के दिवालिया होने का भी इस मार्केट पर बड़ा असर पड़ा है। इससे बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स ने क्रिप्टोकरेंसीज से दूरी बना ली है। FTX के सॉफ्टवेयर में बदलाव कर क्लाइंट्स के फंड का इस्तेमाल किया गया था। एक्सचेंज के चीफ इंजीनियर ने कोड में बदलाव कर FTX के फाउंडर Sam Bankman Fried की फर्म Alameda Research को उधार ली गई रकम पर नुकसान उठाने के बावजूद उसके एसेट्स बेचने से छूट दी थी।
इस छूट से फर्म को FTX से फंड उधार लेने की अनुमति मिल गई थी चाहे उसके बदले में कोलेट्रल की वैल्यू कितनी भी हो। कोड में इस बदलाव को अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने पकड़ा है। SEC ने बताया कि इससे Alameda Research को बिना किसी लिमिट के क्रेडिट दिया जा रहा था। फर्म को दो वर्षों में अरबों डॉलर का उधार गोपनीय तरीके से दिया गया था। एक्सचेंज के लिए मुश्किलों की शुरुआत पिछले महीने हुई थी जब इसकी बैलेंस शीट पर सवाल उठे थे। इसके बाद एक्सचेंज के कस्टमर्स ने इससे अरबों डॉलर निकालने की कोशिश की थी लेकिन इनमें से अधिकतर अपनी रकम नहीं ले सके थे।