भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का विक्रम लैंडर (Vikram Lander) यानी LM चंद्रमा के और करीब पहुंच गया है। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने शुक्रवार को ‘डिबूस्टिंग' की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली। इसरो ने बताया है कि लैंडर मॉड्यूल अच्छी स्थिति में है और सामान्य रूप से काम कर रहा है। विक्रम लैंडर के साथ ही प्रज्ञान रोवर भी चांद के नजदीक पहुंच गया है। इसरो ने कहा है कि लैंडर मॉड्यूल को अब 20 अगस्त को डिबूस्ट किया जाएगा।
इसरो ने अपने लेटेस्ट ट्वीट में बताया है कि लैंडर मॉड्यूल की स्थिति सामान्य है। डिबूस्टिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद विक्रम लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 113 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 157 किलोमीटर रह गई है। अब 20 अगस्त को दूसरी बार विक्रम लैंडर को डिबूस्ट किया जाएगा। अनुमान है कि तब लैंडर विक्रम चांद से महज 100 किलोमीटर दूर रह जाएगा।
इसरो के मुताबिक 20 अगस्त को ‘डिबूस्टिंग' की प्रक्रिया रात करीब 2 बजे होगी। गौरतलब है कि चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल और प्रोपल्शन मॉड्यूल गुरुवार को एक-दूसरे से अलग हो गए थे। 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद चंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।
इस बीच, इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल पर लगे कैमरों से ली गईं चंद्रमा की तस्वीरें रिलीज की हैं। तस्वीरों में चंद्रमा की सतह पर गड्ढे दिखाई देते हैं। इसरो ने चंद्रमा का 'फैब्री', 'जियोर्डानो ब्रूनो' और 'हरखेबी जे' बताया है। सबकुछ योजना के अनुसार हुआ तो चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर चांद पर लैंडिंग की कोशिश कर सकता है।
इसरो को पूरी उम्मीद है कि यह मिशन सफल होगा। लैंडर ‘विक्रम' को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बड़ी गड़बड़ी भी मिशन को बर्बाद नहीं कर पाएगी। इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ कह चुके हैं कि चंद्रयान-3 का लैंडर ‘विक्रम' 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग' करने में सक्षम होगा, भले ही इसके सभी सेंसर और दोनों इंजन काम न करें।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।