ISRO और भारत का
Chandrayaan 3 मिशन अब अपनी लैंडिंग से कुछ घंटे दूर है। अब से लगभग 5 घंटे बाद
चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर (LM) चांद पर उतरने की कोशिश करेगा। कामयाबी मिलते ही भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपने लैंडर और रोवर के साथ मौजूद होगा। लैंडर यानी विक्रम और रोवर यानी प्रज्ञान आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर
सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे। आइए जानते हैं इस मिशन से जुड़े सभी अहम अपडेट।
ISRO की 4 साल में दूसरी कोशिश
चंद्रयान-3 मिशन के जरिए इसरो चार साल में दूसरी बार चांद पर अपना लैंडर उतारने की कोशिश करने जा रहा है। अगर हम सफल होते हैं, तो अमेरिका, चीन और पूर्व में सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाले दुनिया के चौथे देश बन जाएंगे। खास यह है कि इनमें से किसी भी देश ने अबतक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं की है। यानी भारत इस मामले में दुनिया का पहला देश बनेगा।
कितना है चंद्रयान-3 का बजट
भारत ने 14 जुलाई को ‘लॉन्च वीकल मार्क-3' (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए 600 करोड़ रुपये की लागत वाले ‘चंद्रयान-3' मिशन को लॉन्च किया था। चंद्रयान-3 करीब 41 दिनों की अपनी यात्रा पर रवाना हुआ था। इस दौड़ में बीते दिनों रूस का लूना-25 (luna-25) मिशन भी शामिल हुआ था, लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले अनियंत्रित कक्षा में प्रवेश करने के बाद वह दुर्घटनाग्रस्त होकर खत्म हो गया।
अभी कहां है इसरो का विक्रम लैंडर
20 अगस्त को हुई आखिरी डीबूस्टिंग की प्रक्रिया के बाद विक्रम लैंडर चंद्रमा की कक्षा में थोड़ा और नीचे पहुंच गया था। अभी इसकी चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर है। आज शाम की सबसे बड़ी चुनौती इन आखिरी फासलों का तय करना है। विक्रम लैंडर को यह काम खुद ही पूरा करना होगा, क्योंकि उसका ऑर्बिटर अब साथ नहीं है।