Chandrayaan-3 Live tracking : शुरू होने वाला है चंद्रयान-3 का सबसे मुश्किल सफर, एक भी गलती हुई तो…?

Chandrayaan-3 Live tracking : यह फेज तब आएगा, जब स्‍पेसक्राफ्ट 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा (circular orbit) से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 8 अगस्त 2023 10:49 IST
ख़ास बातें
  • जब 100 किलोमीटर करीब पहुंचेगा मिशन, तब होगी चुनौती शुरू
  • इसका सबसे अहम फेज इसकी कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी
  • इसरो अध्‍यक्ष एस सोमनाथ ने दी जानकारी

14 जुलाई को चंद्रमा के सफर पर निकला चंद्रयान-3 अब चंद्रमा की 4,313 किलोमीटर दीर्घवृत्ताकार कक्षा (elliptical orbit) में मौजूद है।

Photo Credit: ISRO

भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) जैसे-जैसे चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है, उसकी डगर कठिन होती जा रही है। भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने सोमवार को कहा कि चंद्रयान-3 अच्छी हालत में है और इसका सबसे अहम फेज इसकी कक्षा निर्धारण प्रक्रिया (orbit determination process) होगी। उन्‍होंने कहा कि यह फेज तब आएगा, जब स्‍पेसक्राफ्ट 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा (circular orbit) से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा।
 

अभी कहां है चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Live Tracking)

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 14 जुलाई को चंद्रमा के सफर पर निकला चंद्रयान-3 स्‍पेसक्राफ्ट अब चंद्रमा की 4,313 किलोमीटर दीर्घवृत्ताकार कक्षा (elliptical orbit) में मौजूद है। इसे 100 किमी की वृत्ताकार कक्षा में ले जाने के लिए 9 से 17 अगस्त के बीच सिलसिलेवार प्रक्रियाएं किए जाने की योजना है। 
 

क्‍या बोले ISRO के अध्‍यक्ष

पीटीआई से बातचीत में इसरो अध्‍यक्ष सोमनाथ ने कहा कि100 किमी तक हम कोई कठिनाई नहीं देख रहे हैं। समस्या केवल पृथ्वी से लैंडर की स्थिति का अनुमान लगाने में है। यह माप बहुत महत्वपूर्ण है। इसे हम कक्षा निर्धारण प्रक्रिया कह सकते हैं। यदि यह सही है तो बाकी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।'
 

ISRO को है मिशन पर भरोसा 

इसरो अध्यक्ष ने कहा कि इस बार हम इसे बहुत सही तरीके से नीचे उतारने में सक्षम हैं। योजना के अनुसार कक्षा में बदलाव किया जा रहा है। इसमें कोई भटकाव नहीं है। इसीलिए यह शानदार नतीजे दे रहा है। हमें उम्मीद है कि सब कुछ ठीक रहेगा।
 

2019 की गलततियों से सीखा! 

इसरो अध्‍यक्ष ने कहा कि साल 2019 के चंद्रयान-2 से मिला अनुभव हमारे लिए उपयोगी साबित हो रहा है। तब भी एजेंसी ने चंद्रमा पर एक अंतरिक्षयान उतारने की कोशिश की थी। उसे कामयाबी नहीं मिल पाई थी। सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-2 से मिले अनुभव से काफी मदद मिलेगी। क्या कुछ गलत रहा, उस पर हमने काफी सोचा। फ‍िर प्‍लानिंग की और चंद्रयान-3 में जरूरी बदलाव किया। हालांकि इस मिशन में गलती की कोई गुंजाइश नहीं है। एक भी गड़बड़ होने पर मिशन को झटका लग सकता है, लेकिन इसरो को भरोसा है कि मिशन सफल रहेगा। 

 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  2. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
#ताज़ा ख़बरें
  1. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  2. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  3. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  4. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  5. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  6. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  7. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  8. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  9. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  10. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.