NFT और मेटावर्स में एंट्री की योजना बना रहा YouTube, कार्बन मुक्‍त होने के लक्ष्‍य का क्‍या होगा?

यह साल 2030 तक ‘कार्बन फ्री’ होने की Google की महत्वाकांक्षा के खिलाफ है।

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राधिका पाराशर, अपडेटेड: 11 फरवरी 2022 14:44 IST
ख़ास बातें
  • ‘वेब3 बैंडवागन’ में भी दांव लगाएगा यूट्यूब
  • इसे भविष्य का इंटरनेट भी माना जाता है
  • यूट्यूब ने कहा है कि आर्टिस्‍ट दूसरे तरीकों से भी पैसा बना सकेंगे

यूट्यूब ने कहा है कि आर्टिस्‍ट को ऑडियंस के साथ गहराई से जोड़ने के लिए वह वेब3 और इसके एलिमेंट जैसे-NFT के अनुकूल होना चाहता है।

नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) और मेटावर्स जैसे एलिमेंट्स को अपने प्लेटफॉर्म में इंटीग्रेड करने के लिए YouTube तैयार है। दुनियाभर में दो अरब यूजर्स वाला यूट्यूब ‘वेब3 बैंडवागन' (Web3 bandwagon) में भी दांव लगाएगा। Web3 को ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा सपोर्ट किया जाएगा। इसे भविष्य का इंटरनेट भी माना जाता है। YouTube के चीफ प्रोडक्‍ट ऑफ‍िसर, नील मोहन (Neil Mohan) ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि आर्टिस्‍ट को उनकी ऑडियंस के साथ गहराई से जोड़ना वह वजह है, जिसके लिए YouTube वेब3 और इसके एलिमेंट की उभरती दुनिया के अनुकूल होना चाहता है। उन्‍होंने कहा कि सभी आर्टिस्‍ट उन तरीकों से भी पैसा बना सकेंगे, जो पहले संभव नहीं थे। 

YouTube लोगों को NFT के रूप में क्रिएटर कंटेंट का ‘मालिक' होने देना चाहता है। हालांकि इससे कंटेंट का कॉपीराइट उसके खरीदार को ट्रांसफर नहीं होगा। इसके अलावा भी यूट्यूब कई तैयारियां कर रहा है। वह गेमिंग को मेटावर्स इंटीग्रेशन के साथ अधिक इंटरैक्टिव बनाने के लिए काम कर रहा है। यह एक वर्चुअल दुनिया है और मेटावर्स का कॉन्‍सेप्‍ट भी है। यहां लोग ऐसे लोगों से बात कर सकेंगे, जो वर्चुअल अवतार में मौजूद हैं।   

नील मोहन ने कहा कि हम यह सोच रहे हैं कि कैसे व्‍यूइंग को और ज्‍यादा आकर्षक बनाया जाए। इस मामले में पहला सेक्‍टर गेमिंग है। यहां ज्‍यादा प्रभाव डाला जा सकता है। हम गेम में ज्‍यादा इंटरैक्‍शन लाने के लिए उसे ज्‍यादा रियल बनाने पर काम करेंगे। उन्‍होंने कहा कि हम यह देखने के लिए उत्‍साहित हैं कि हम कैसे वर्चुअल दुनिया को हकीकत में बदल सकते हैं।  

भले ही यूट्यूब इस दिशा में आगे बढ़ रही है, लेकिन कई मुद्दे अभी बाकी हैं। NFT माइनिंग को लेकर पर्यावरणीय चिंताएं बरकरार हैं। यह साल 2030 तक ‘कार्बन फ्री' होने की Google की महत्वाकांक्षा के खिलाफ है। कंपनी के CEO सुंदर पिचाई ने साल 2020 में कहा था कि हम दुनिया भर के अपने डेटा सेंटर्स और कैंपस में चौबीस घंटे कार्बन-मुक्त ऊर्जा पर काम करने की प्रतिबद्धता जताने वाली पहली बड़ी कंपनी हैं। इसे 2030 तक पूरा करने के लिए हम काम कर रहे हैं।
साल 2021 में NFT की सेल 25 बिलियन डॉलर (लगभग 1,84,700 करोड़ रुपये) को पार कर गई। इसका मतलब है कि इस सेक्‍टर में कार्बन उत्सर्जन का ज्‍यादा होना तय है। YouTube को सोशल मीडिया पर क्रिएटर्स की ओर से कुछ प्रतिक्रिया भी मिल रही है, जो चाहते हैं कि उनके कंटेंट को सेल के लिए टोकन ना दिया जाए।
 
 

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