सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने Google Play स्टोर पर अभी तक लाखों बार डाउनलोड किए गए गलत इरादा रखने वाले कई लोन ऐप्स का खुलासा किया है, जो Android स्मार्टफोन के लिए खतरा हैं। इस वर्ष 'स्पाईलोन' मैलवेयर के रूप में पहचाने गए लगभग 18 ऐप्स पाए गए। खुद को उधार देने वाले प्लेटफॉर्म के रूप में दर्शाने वाले ये ऐप्स, उधार लेने की प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर यूजर डेटा को इकट्ठा करते हैं और बाद में इस डेटा के जरिए यूजर्स को ब्लैकमेल करते हैं और भारी ब्याज का भुगतान करने के लिए कहते हैं।
ESET के रिसर्चर्स ने Google Play स्टोर प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए इन लोन ऐप्स द्वारा इस्तेमाल किए गए गलत तरीकों का
खुलासा किया। आकर्षक इंटरफेस वाला यह मैलवेयर भारी-भरकम ब्याज की शर्तों के साथ यूजर्स को तुरंत फंड देने का वादा करता है। मुख्य रूप से अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया के यूजर्स को लक्षित करते हुए, ये स्पाईलोन ऐप न केवल KYC जांच पास करते हैं, बल्कि आधिकारिक दिखने वाली वेबसाइटों पर नकली जानकारी भी दिखाते हैं, जिसमें कर्मचारियों की तस्वीरों के रूप में स्टॉक फोटो भी शामिल हैं।
एक बार जब यूजर्स को लोन मिल जाता है, तो ये ऐप्स उनसे कई संवेदनशील परमिशन का अनुरोध करते हैं, जैसे कैमरा, कॉन्टैक्ट, SMS, कॉल लॉग, फोटोज, वाई-फाई डिटेल्स और कैलेंडर डिटेल्स। फिर यह डेटा ऐप्स के सर्वर पर भेज दिए जाता है।
Google की फाइनेंशियल सर्विस पॉलिसी का उल्लंघन करते हुए, ये ऐप्स अवास्तविक रूप से पुनर्भुगतान का बहुत कम समय रखते हैं, जिससे यूजर्स को बहुत ज्यादा ब्याज दरों के साथ भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है। यूजर्स ने 549 पेसो (लगभग 2,640 रुपये) के अतिरिक्त ब्याज के साथ 450 पेसो (लगभग 2,160 रुपये) जैसी राशि चुकाने के दबाव का सामना करने की सूचना दी, जो कुल 999 पेसो (लगभग 4,800 रुपये) होते हैं।
ESET ने Google को 18 ऐप्स के बारे में सूचित किया, जिनमें से 17 को हटा दिया गया। हालांकि, एक ऐप नए वर्जन का रूप लेकर स्टोर पर बना हुआ है। लिस्टेड ऐप्स में 4S Cash, AA Kredit, Amor Cash, Cartera grande, Cashwow, CrediBus, EasyCash, EasyCredit, Finupp Lending, FlashLoan, Go Crédito, GuayabaCash, Instantáneo Préstamo, Préstamos De Crédito-YumiCash, PréstamosCrédito, Rápido Crédito और TrueNaira शामिल हैं।
हालांकि प्ले स्टोर से हटा दिए जाने के बाद भी ये ऐप्स मैन्युअल रूप से हटाए जाने तक यूजर्स के डिवाइस पर बने रह सकते हैं। जिन यूजर्स के पास ये ऐप्स हैं उन्हें तुरंत इन्हें अनइंस्टॉल कर देना चाहिए।