सरकार का 'चैलेंज', बनाओ Zoom जैसा ऐप और पाओ 1 करोड़ रुपये

इस ऐप डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए रजिस्ट्रेशन 13 अप्रैल से ही शुरू हो चुके हैं, और इसकी आखिरी तारीख 30 अप्रैल है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप किसी भी किस्म के डिवाइस पर काम करना चाहिए।

सरकार का 'चैलेंज', बनाओ Zoom जैसा ऐप और पाओ 1 करोड़ रुपये

देशभर के सरकारी संस्थानों में होगा इस ऐप का इस्तेमाल

ख़ास बातें
  • भारत सरकार ने लॉन्च किया ऐप चैलेंज
  • सुरक्षा कारणों की वजह से सवालों के घेरे में है Zoom ऐप
  • ज़ूम ऐप का नया विकल्प ढूंढना है सरकार के इस चैलेंज का मकसद
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केंद्र सरकार ने एक 'ऐप चैलेंज' लॉन्च किया है। चैलेंज की इनामी राशि है 1 करोड़ रुपये। सरकार चैलेंज भारतीय कंपनियों के लिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप डेवलप करने के लिए है जो Zoom जैसे लोकप्रिय ऐप का विकल्प बन सके। आपको बता दें  कि यह ऐप चैलेंज उस वक्त पेश किया गया है जब लोकप्रिय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ज़ूम सुरक्षा कारणों की वजह से सवालों के घेरे में है। इस चैलेंज को “Innovation Challenge for Development of Video Conferencing Solution” के तौर पर पेश किया गया है। इस वक्त पूरा भारत लॉकडाउन से जूझ रहा है, ऐसे में करोड़ों लोगों के लिए अब वर्क फ्रॉम होम एक जरूरत बन चुकी है। वर्क फ्रॉम होम का मतलब है बड़ी मात्रा में जानकारियां का आदान-प्रदान ऑनलाइन माध्यम से हो रहा है, ऐसे में प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर चिंता होना समान्य सी बात है।

इस ऐप डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए रजिस्ट्रेशन 13 अप्रैल से ही शुरू हो चुके हैं, और इसकी आखिरी तारीख 30 अप्रैल है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप किसी भी किस्म के डिवाइस पर काम करना चाहिए। यह ऐप खराब से खराब नेटवर्क एरिया में अपनी सुविधा देने में सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा इनक्रिप्टेड कम्युनिकेशन होनी चाहिए और ऐप के इस्तेमाल में पावर की खपत भी कम से कम होनी चाहिए।

इस ऐप चैलेंज के रिजल्ट की घोषणा 29 जुलाई को सरकार द्वारा की जाएगी। जीतने वाली टीम को 1 करोड़ की इनामी राशि दी जाएगी। वहीं, इस ऐप को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।

आपको बता दें, पिछले हफ्ते सरकार ने ज़ूम ऐप के खिलाफ एक एडवाइज़री ज़ारी की थी। गृह मंत्रालय के साइबर कॉडिनेटर सेंटर (CyCord) द्वारा कहा गया था कि सुरक्षा कारणों की वजह से इस ऐप का इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए। इससे पहले भारत की नोडल एजेंसी CERT-In, जो कि साइबर-सिक्योरिटी खतरों को देखती है, ने भी चेतावनी दी थी कि ज़ूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप से साइबर-अटैक होने का खतरा है। इसके अलावा कुछ ऑर्गनाइज़ेशन जैसे गूगल और स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने भी अपने कर्मचारियों को ज़ूम ऐप का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। अमेरिकी सीनेट ने भी अपने मेंबर्स को इस ऐप से बचने की सलाह दी है।

भारत में कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद से ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम के लिए मज़बूर है। ऐसे में ज़ूम ऐप की लोकप्रियता बढ़ी। कई उच्च न्यायलय भी जरूरी सुनवाई के लिए ज़ूम ऐप का इस्तेमाल करते हैं। यही नहीं, यहां तक कि देश के रक्षा मंत्री भी इस ऐप का इस्तेमाल करते हुए दिख चुके हैं।
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