iPhone वाले फीचर्स अब एंड्रॉयड में, गुरुग्राम के इस लड़के ने किया वो कमाल जो बड़ी-बड़ी कंपनी नहीं कर पाईं

गुरुग्राम के रहने वाले 15 वर्षीय स्टूडेंट कविश देवर ने ग्लोबल स्तर पर टेक्नोलॉजी को हिला कर रख दिया है जो कि अब तक कोई भी ऐप मेकर या एंड्रॉयड डिवाइस कंपनियां नहीं कर पाई।

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Written by साजन चौहान, अपडेटेड: 11 दिसंबर 2025 08:54 IST
ख़ास बातें
  • AirPods के सबसे स्मार्ट फीचर्स सिर्फ आईफोन पर उपलब्ध होते हैं।
  • एंड्रॉयड से पेयर होने पर AirPods सामान्य ब्लूटूथ ईयरबड्स जैसे चलते हैं
  • LibrePods ऐप ने एप्पल के क्लॉज कम्युनिकेशन सिस्टम को बदल दिया है।

Airpods Pro 2 की बैटरी 30 घंटे तक चल सकती है।

Photo Credit: Apple

भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं और इसका जीता जागता उदाहरण 15 वर्षीय कविश देवर हैं। हाल ही में गुरुग्राम के रहने वाले स्टूडेंट ने ग्लोबल स्तर पर टेक्नोलॉजी को हिला कर रख दिया है जो कि अब तक कोई भी ऐप मेकर या एंड्रॉयड डिवाइस कंपनियां नहीं कर पाई हैं। दरअसल स्टूडेंट ने एक LibrePods नाम का ऐप तैयार किया है जो कि लगभग फुल AirPods अनुभव को एंड्रॉयड और Linux डिवाइसेज में फ्री में लेकर आता है जो कि अब तक सिर्फ एप्पल डिवाइसेज तक ही सीमित थे। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

आपको बता दें कि AirPods के सबसे स्मार्ट फीचर्स सिर्फ आईफोन पर उपलब्ध होते हैं। जबकि एंड्रॉयड से पेयर होने पर एयरपोड्स एक सामान्य ब्लूटूथ ईयरबड्स जैसे काम करते हैं। मगर LibrePods ऐप ने इस भ्रम को तोड़ दिया है। उन्होंने Apple के क्लॉज्ड कम्युनिकेशन सिस्टम को रिवर्स-इंजीनियर करके एक ऐसा टूल तैयार किया है, जिससे AirPods को Apple डिवाइस से कनेक्टेड होने जैसा फील होता है। इसके बाद एंड्रॉयड यूजर्स उन फीचर्स का लाभ उठा पाते हैं जो पहले सिर्फ Apple के इकोसिस्टम पर उपलब्ध थे।

AirPods के फीचर्स अब एंड्रॉयड पर

AirPods के जो फीचर्स अब एंड्रॉयड पर भी मिल रहे हैं, उनमें ईयर डिटेक्शन, नॉयज कंट्रोल मोड, हेड-जेस्चर कंट्रोल,सटीक बैटरी की जानकारी, हियरिंग एड फीचर्स, ट्रांसपेरेंसी मोड और कंवर्सेशनल एवेयरनेस शामिल है, जिससे यूजर्स के बोलने पर अपने आप वॉल्यूम कम हो जाती है। LibrePods यूजर्स को मल्टी-डिवाइस कनेक्टिविटी और कस्टमाइजेशन ऑप्शन जैसे कि नाम बदलने और एक्सेसिबिलिटी सेटिंग्स भी प्रदान करते हैं।

इस खबर को सबसे पहले द वर्ज में पब्लिश किया गया था। अब हाल ही में X पर GitHub पेज पर इसे पोस्ट किया गया है, जिससे इसकी चर्चा शुरू हो गई है। ऐसा पहली बार है जब iPhone के फीचर्स को नॉन-एप्पल डिवाइसेज तक इस तरह उपलब्ध करवाया गया है। LibrePods ओपन-सोर्स है। इसके डॉक्यूमेंट से काफी रिसर्च का पता चलता है। फिलहाल यह पता चला है कि कविश ने खुद प्रोग्रामिंग करके Apple के क्लॉज प्रोटोकॉल को समझकर ऐप तैयार किया। गिटहब पेज पर सिस्टम कैसे काम करता है, सपोर्टेड AirPods मॉडल और टेक्निकल जरूरतों की जानकारी दी गई है, जिसमें फुल फंक्शन के लिए रूट एक्सेस की जरूरत हो सकती है।
 

 

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ये भी पढ़े: LibrePods, AirPods, Android, Apple

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