कबूतरों में लगा दी चिप! ड्रोन की तरह होंगे रिमोट से कंट्रोल

इन कबूतरों के दिमाग में इलेक्ट्रॉड फिट किए गए जो कि उनकी पीठ पर लगी कंट्रोल यूनिट से जुड़े हुए थे।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 4 दिसंबर 2025 07:45 IST
ख़ास बातें
  • Neiry ने कबूतरों को ड्रोन की तरह इस्तेमाल करने का सफल टेस्ट किया
  • कबूतरों के दिमाग में इलेक्ट्रॉड फिट किए गए
  • एडवांस्ड सर्जरी की मदद से यह सब संभव हो सका

रूसी कंपनी Neiry ने कबूतरों को ड्रोन की तरह इस्तेमाल करने का सफल टेस्ट किया है।

Photo Credit: Daily Mail

रूस में कबूतरों को जिंदा ड्रोन बनाने की तैयारी चल रही है! जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। रूस में एक कंपनी कबूतरों को ड्रोन की तरह इस्तेमाल करने के तरीके पर काम कर रही है। कंपनी का नाम है नाइरी (Neiry) जो मॉस्को में कबूतरों को बायोड्रोन में तब्दील करने के लिए टेस्ट कर रही है। न्यूरो टेक्नोलॉजी कंपनी ने इन कबूतरों में एक चिप लगाई और उन्हें उड़ान भरने दिया। कंपनी ने दावा किया है कि न्यूरल चिप लगे कबूतरों ने सफलता पूर्वक उड़ान भरी। यानी कंपनी का यह टेस्ट कामयाब रहा। 

रूसी कंपनी Neiry ने कबूतरों को ड्रोन की तरह इस्तेमाल करने का सफल टेस्ट किया है। इन कबूतरों के दिमाग में इलेक्ट्रॉड फिट किए गए जो कि उनकी पीठ पर लगी कंट्रोल यूनिट से जुड़े हुए थे। Daily Mail के मुताबिक, यह कंट्रोल यूनिट पूरी तरह से सोलर पावर पर चलती है। यानी कबूतर हवा में उड़ेंगे और सूर्य की रोशनी से कंट्रोल यूनिट को पावर मिलती रहेगी। इस चिप से वैज्ञानिक उनकी दिशा को कंट्रोल कर सकते हैं। यानी कबूतरों का रिमोट कंट्रोल अब इंसानों के हाथ में होगा और इसी वजह से उन्हें मनचाहे तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा जिससे कि वे निगरानी, देखरेख और चौकसी आदि के लिए भेजे जा सकेंगे। 

कंपनी का कहना है कि कबूतरों को इसके लिए कोई स्पेशल ट्रेनिंग देने की जरूरत नहीं पड़ी। और न ही कबूतरों की सेहत पर इसका कोई नुकसान दिखाई दिया। एडवांस्ड सर्जरी की मदद से यह सब संभव हो सका। कुल मिलाकर कबूतरों को जिंदा ड्रोन बना दिया गया। ये बायोड्रोन कहे जाते हैं जिनमें कैमरा भी लगे हैं। कंपनी की मंशा है कि इन कबूतरों को इंफ्रास्ट्रक्चर के सर्वे, औद्योगिक निरीक्षण, पर्यावरण से जुड़े ऑपरेशंस, खोजबीन, और रेस्क्यू आदि कामों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। 

कबूतरों के रूप में ये बायोड्रोन पारंपरिक ड्रोन्स के मुकाबले कहीं ज्यादा दूर तक जा सकेंगे और इनकी अपनी भी एक समझ होगी। कंपनी के फाउंडर Alexander Panov ने कहा कि यह तकनीकी दूसरे पक्षियों पर भी लागू की जा सकती है जिसमें कौए, मुर्गाबी, और एल्बैट्रॉस आदि शामिल हो सकते हैं। कंपनी इस तकनीकी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक ले जाना चाहती है। तो अगर भविष्य में आपको रिमोट कंट्रोल वाले कबूतर आसमान में उड़ते दिखें तो इस पर हैरानी नहीं होनी चाहिए। 
 

 

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हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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