भारत का डेटा इस्तेमाल साल 2017 से 2021 के बीच पिछले पांच वर्षों में 53 फीसदी की कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ा है। यह जानकारी नोकिया ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में दी। इसके मुताबिक, पिछले पांच साल में देश में मोबाइल ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स की ग्रोथ दोगुनी से ज्यादा हो गई है। कंपनी ने बताया है कि देश के मोबाइल ब्रॉडबैंड इकोसिस्टम की ग्रोथ में 4G ने अहम भूमिका निभाई है और 2021 में 4G डेटा में 31 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।
अपनी एनुअल मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडेक्स (MBiT)
रिपोर्ट में नोकिया ने कहा है कि 2021 में भारत में हर महीने एवरेज मोबाइल डेटा खपत 17GB प्रति यूजर तक पहुंच गई। यह 26.6 फीसदी की सालाना (YoY) बढ़ोतरी को दर्शाता है। 12 पेजों की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2021 में 4 करोड़ नए यूजर 4G सर्विसेज में शामिल हो गए और देश में 4G डेटा सब्सक्राइबर्स का बेस 742 मिलियन पर पहुंच गया है। 4G डेटा की खपत में यह बढ़ोतरी देश में 4G डिवाइसेज की संख्या में बढ़ेतरी के साथ हुई है।
नोकिया ने कहा है कि साल 2021 में भारत ने 160 मिलियन से अधिक स्मार्टफोन शिप किए, जो एक रिकॉर्ड है। इसमें 80 फीसदी शिपमेंट 4G डिवाइसेज का था। रिपोर्ट बताती है कि देश में 649 मिलियन यूनिक डिवाइस 4G कनेक्टिविटी के साथ हैं। इनमें से 93.1 फीसदी में VoLTE सपोर्ट है।
4G डिवाइसेज के अलावा पिछले साल 5G फोन्स ने भी 30 मिलियन की शिपमेंट देखी। यह भी रिकॉर्ड है। रिपोर्ट बताती है कि देश में एक्टिव 5G इनेबल्ड डिवाइसेज की संख्या 10 मिलियन शिपमेंट को पार कर गई है।
रिपोर्ट का अनुमान है कि भारत में 5G सब्सक्राइबर बेस 2026 में 369 मिलियन तक पहुंच जाएगा। 5G सर्विसेज के चलते अगले पांच साल में रेवेन्यू में भी 164 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
बात करें कंटेंट की, तो देश में 40 फीसदी स्मार्टफोन यूजर्स ने शॉर्ट वीडियो सेगमेंट में वक्त बिताया। उम्मीद है कि साल 2025 तक यह 60-75 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिया का जेन Z यानी यूथ रोजाना औसतन आठ घंटे ऑनलाइन रहता है। यूजर्स ने अपना 40 फीसदी वक्त रीजनल वीडियोज पर बिताया है। नोकिया ने कहा है कि देश में 90 फीसदी इंटरनेट यूजर्स अपनी स्थानीय भाषा में कंटेंट देखना, सुनना, पढ़ना पसंद करते हैं।