नेट न्यूट्रैलिटी के समर्थन में ट्राई, डिफरेंशियल प्राइसिंग पर लगाई रोक

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 8 फरवरी 2016 16:24 IST
साल भर से ज्यादा वक्त से देश में नेट न्यूट्रैलिटी के पक्ष में लेकर चल रही मुहिम की बड़ी जीत हुई है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा अलग-अलग किस्म कंटेंट के लिए डिफरेंशियल प्राइसिंग पर रोक लगा दी है।

ट्राई ने नोटिफिकेशन जारी करके कहा है, ''कोई भी कंपनी कंटेंट के अलग-अलग कीमत की मांग नहीं कर सकती।''

ट्राई के इस फैसले से एयरटेल और फेसबुक को सबसे बड़ा झटका लगा है। दरअसल, फेसबुक की 'फ्री बेसिक्स' योजना पर भी नेट न्यूट्रैलिटी के उल्लंघन का आरोप लगा है। कंपनी कहती रही है कि इस योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों के गरीब मोबाइल यूज़र को मुफ्त में इंटरनेट मुहैया कराने की है। फेसबुक की प्रस्तावित 'फ्री बेसिक्स' योजना में उपभोक्ता शिक्षा, हेल्थकेयर व रोजगार जैसी सेवाएं अपने मोबाइल फोन पर उस ऐप के जरिए नि:शुल्क (बिना किसी डेटा योजना के) हासिल कर सकते हैं जो कि इस प्लेटफॉर्म के लिए विशेष रूप से बनाया गया है।

आलोचकों ने कंपनी की इस पहल को नेट निरपेक्षता (नेट न्यूट्रैलिटी) के सिद्धांत का कथित उल्लंघन बताया था। आलोचकों का मानना है कि फेसबुक इस योजना का इस्तेमाल टॉर्जन हॉर्स की तरह इंटरनेट को नियंत्रित करने के लिए कर रही है।

भारत में इंटरनेट निरपेक्षता को लेकर सभी प्रमुख विवादों में दूरसंचार कंपनी एयरटेल का कहीं न कहीं हाथ रहा है। एयरटेल ने दिसंबर 2014 में इंटरनेट आधारित ओवर द टॉप (ओटीटी) सेवाओं के लिए अलग से शुल्क लगाने की घोषणा की थी, लेकिन उसके इस कदम को इंटरनेट की आजादी के खिलाफ बताते हुए सोशल मीडिया में खूब आलोचना हुई।
Advertisement

कंपनी के इस कदम को इंटरनेट की आजादी या इंटरनेट तक समान पहुंच अथवा इंटरनेट तटस्थता के खिलाफ बताया गया। सरकार ने भी इसके खिलाफ बयान दिया और अंतत: कंपनी ने इसे वापस ले लिया। लेकिन इससे इंटरनेट निरपेक्षता की बहस ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया।

इसके बाद एयरटेल ने अप्रैल में एक नई पहल के जरिए फिर विवाद खड़ा कर दिया। कंपनी ने एक नया मार्केटिंग प्लेटफॉर्म 'एयरटेल ज़ीरो' पेश किया। कंपनी का कहना था कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए उसके ग्राहक विभिन्न मोबाइल ऐप का नि:शुल्क इस्तेमाल कर सकेंगे। यानी इसके लिए उन्हें इंटरनेट खर्च नहीं करना होगा, क्योंकि यह खर्च ऐप बनाने वाली कंपनियां वहन करेंगी। कंपनी की इस पहल का भी कड़ा विरोध हुआ।
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े:
The resident bot. If you email me, a human will respond. ...और भी
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. इंफोसिस को बड़ी राहत, नहीं चुकाना होगा 32,400 करोड़ रुपये का GST 
  2. ट्रंप ने दी मस्क की कंपनियों को मिले सरकारी कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की चेतावनी
#ताज़ा ख़बरें
  1. ट्रंप ने दी मस्क की कंपनियों को मिले सरकारी कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की चेतावनी
  2. इंफोसिस को बड़ी राहत, नहीं चुकाना होगा 32,400 करोड़ रुपये का GST 
  3. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  4. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  5. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  6. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  7. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  8. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  9. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  10. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.