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सर्दियों में क्‍यों ज्‍यादा होता है खांसी-जुकाम, वैज्ञानिकों ने लगाया पता, इससे बचाएगा नाक का ‘स्‍वेटर’

Cough and Cold in Winters : वैज्ञानिकों ने सर्दियों में जुकाम-खांसी के मामलों में बढ़ोतरी के बायलॉजिकल कारण का पता लगा लिया है।

सर्दियों में क्‍यों ज्‍यादा होता है खांसी-जुकाम, वैज्ञानिकों ने लगाया पता, इससे बचाएगा नाक का ‘स्‍वेटर’

Photo Credit: unsplash

Cough and Cold in Winters : सिर्फ 5 डिग्री सेल्सियस तापमान कम होने से हमारी नाक में वायरस और बैक्‍टीरिया से लड़ने वाली कोशिकाएं 50 फीसदी तक कम हो जाती हैं।

ख़ास बातें
  • ठंड से नाक की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर होता है असर
  • इस वजह से वायरस की चपेट में आ जाता है शरीर
  • मास्‍क पहनने से हो सकता है बचाव
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सर्दियों का मौसम आते ही ज्‍यादातर लोग जुकाम और खांसी की चपेट में आ जाते हैं। इस मौमस में होने वाला खांसी-जुकाम कई-कई दिनों तक लोगों को परेशान करता है। अब वैज्ञानिकों ने सर्दियों में जुकाम-खांसी के मामलों में बढ़ोतरी के बायलॉजिकल कारण का पता लगा लिया है। उनका कहना है कि सर्दियों के मौसम में चलने वालीं ठंडी हवाओं के प्रति हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्‍युन सिस्‍टम मजबूती से नहीं लड़ पाता, खासकर हमारी नाक!     

द जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्युनोलॉजी में पब्लिश हुई स्‍टडी में सामने आया है कि रेस्‍पिरेटरी यानी श्‍वसन वायरस सबसे पहले हमारी नाक से संपर्क करते हैं। सर्दियों के मौसम में हमारी नाक ऐसे वायरस के साथ मजबूती से नहीं लड़ पाती। स्‍टडी में पाया गया कि सिर्फ 5 डिग्री सेल्सियस तापमान कम होने से हमारी नाक में वायरस और बैक्‍टीरिया से लड़ने वाली कोशिकाएं 50 फीसदी तक कम हो जाती हैं।  

यह किसी भी श्‍वसन वायरस के लिए बेहतरीन मौका साबित होता है, वह इंसान पर हमला कर उसे जुकाम और खांसी की चपेट में ले आता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पहली बार उन्‍हें एक बायलॉजिक स्‍पष्‍टीकरण मिला है, जो ठंडे तापमान में हमारी इम्‍युन रेस्‍पॉन्‍स पर बात करता है। स्‍टडी में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंडी हवाएं वायरल संक्रमण को बढ़ाती हैं। तापमान भी थोड़ी सी भी गिरावट से इंसान की इम्‍युनिटी 50 फीसदी तक गिर जाती है, जो किसी भी वायरस को उसके ‘शिकार' तक पहुंचने में मदद करती है।  
 

मास्‍क है मददगार

स्‍टडी में मास्‍क की उपयोगिता पर भी बात की गई है। कहा गया है कि इस मौसम में मास्‍क बेहतर काम करते हैं। ये लोगों को वायरस के सीधे हमले से तो बचाते ही हैं, नाक के लिए भी स्‍वेटर का काम करते हैं। टीम ने 4.4 सेल्सियस तापमान पर यह अध्‍ययन किया। स्‍टडी के मुताबिक हमारी नाक और शरीर श्‍वसन वायरस से लड़ने के लिए पूरा जोर लगा देता है, लेकिन तापमान में गिरावट के कारण इंसान जुकाम-खांसी की चपेट में आ ही जाता है। 

यही वजह है कि लोग इन दिनों जुकाम-खांसी की चपेट में ज्‍यादा आते हैं। बच्‍चे-बुजुर्ग ज्‍यादा प्रभावित होते हैं, क्‍योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
 

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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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