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Mars Jezero Crater : दुनियाभर की स्पेस एजेंसियां मंगल ग्रह (Mars) पर जीवन के संकेत तलाश रही हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) सबसे आगे है, जिसने मंगल पर अपने मिशन भेजे हैं। नई स्टडी में पता चला है कि नासा के पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) ने लाल ग्रह से जो चट्टानी सैंपल जुटाए थे, उनमें पानी के संकेत हैं। इस खोज ने फिर से उस सवाल को मजबूती दी है कि क्या कभी मंगल ग्रह पर जीवन हुआ करता था?
स्पेसडॉटकॉम की
रिपोर्ट के अनुसार, चट्टानी सैंपलों को साल 2022 में मंगल के जेजेरो क्रेटर (Jezero Crater) से इकट्ठा किया गया था। क्रेटर की पश्चिमी ढलान से सैंपल लिए गए थे। इस क्षेत्र को लेकर वैज्ञानिक मानते हैं कि यह इलाका ही वो पॉइंट था, जहां कभी नदी बहती थी।
रिपोर्ट के अनुसार, स्टडी के प्रमुख लेखक और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर तानजा बोसाक ने कहा है कि ये चट्टानें मंगल ग्रह पर ऐसे वातावरण की पुष्टि करती हैं, जो कभी रहने लायक रहा होगा। वहां पानी से जुड़ी गतिविधियां थीं। हालांकि साइंटिस्ट यह नहीं जानते कि रहने लायक हालात कब तक थे।
सैंपल कलेक्ट करने के दौरान पर्सवेरेंस रोवर ने चट्टानों के अंदर कार्बनिक पदार्थ (organic matter) का पता नहीं लगाया। हालांकि साइंटिस्टों को सैंपल में कार्बोनेट समेत ऐसे मिनरल्स मिले हैं, जिनसे पृथ्वी पर भी चट्टानें मिली हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यही मटीरियल सूक्ष्मजीवन से जुड़े जीवाश्मों को भी संरक्षित करता है। इसका मतलब है कि भविष्य में मंगल ग्रह पर ऐसे मिशन भेजे जा सकते हैं, जो वहां जीवाश्म संकेतों का पता लगाएं।
इससे पहले नासा के क्यूरोसिटी रोवर को भी मंगल ग्रह पर एक ऐसी जगह मंगल पर मिली थी जहां किसी पानी की झील के होने का अंदेशा लगाया था। ये निशान मंगल के एक खास क्षेत्र में मिले थे जिसे सल्फेट बियरिंग यूनिट के नाम से जाना जाता है। कुछ महीनों पहले ही क्यूरोसिटी रोवर एक उड़ान के दौरान क्रैश हो गया और अब हमेशा के लिए खत्म हो गया है।